अखबारों में छपी खबरों के अनुसार, दिल्ली और आसपास के इलाकों में पिछले दिनों रावण दहन और दीपावली पर जगह-जगह जलाये गये पटाखों ने इतना प्रदूषण फैला दिया कि लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी़ गली-गली में जल रहे बम-पटाखों ने शहरों के प्रदूषण स्तर को और बढ़ा दिया़ सवाल उठता है कि दीपावाली के समय की जानेवाली आतिशबाजी से कितना पर्यावरण प्रदूषित होगा. इस वातावरण में सांस की तकलीफ वाले मरीजों को और मुश्किलें खड़ी होंगी़ सही मायनों में आतिशबाजी न जला कर सबको जागरूक करने की जरूरत है़
वेद प्रकाश, दिल्ली