अमेरिका सहित दुनिया के सभी देशों को पता है कि पाकिस्तान किसको पालता है. फिर भी पाकिस्तान को अमेरिका करोड़ों डॉलर की सहायता देता है. सोचिए, क्योंकि इस विषय पर मंथन की जरूरत है. अमेरिका अगर भारत का हितैषी होता, तो संयुक्त राष्ट्र संघ के शिखर सम्मेलन में कश्मीर मुद्दा बार-बार उठने पर अमेरिका इस समस्या को हल करने की दिशा में प्रयास करता.
संयुक्त राष्ट्र संघ के गठन के बाद कई दशक तक कश्मीर मुद्दा को लेकर अमेरिका ने एक बार भी हल करने की पहल नहीं की, न ही कश्मीर का मुद्दा ही उठाया. इसलिए अपनी समस्या के हल के लिए भारत को अपने पिटारे प्रत्यक्ष रूप से अमेरिका के सामने नहीं खोलने चाहिए, क्योंकि अमेरिका आतंकवाद को बढ़ावा देनेवाले देश का एक तरह से हितैषी ही है.