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नेताओं की नींद!
अभी संसद में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की नींद की झपकी पर सभी हैरान हैं. ऐसी झपकियां लोग अन्य सभाओं में शायद पहले भी लेते रहे हैं. असल में नींद ऐसी स्थिति है, जो इनसान को पत्थरों और जमीनों पर भी आ घेरती है. अच्छी नींद स्वस्थ होने की भी पहचान है. प्रायः परिश्रमी और […]
अभी संसद में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की नींद की झपकी पर सभी हैरान हैं. ऐसी झपकियां लोग अन्य सभाओं में शायद पहले भी लेते रहे हैं. असल में नींद ऐसी स्थिति है, जो इनसान को पत्थरों और जमीनों पर भी आ घेरती है. अच्छी नींद स्वस्थ होने की भी पहचान है.
प्रायः परिश्रमी और थके हुए लोगों को ही अच्छी नींद आती है. दुर्भाग्य से तनाव, बीमारी व दुख-दर्द में डूबे लोगों को यह नसीब ही नहीं होता है. कुछ लोगों को तो नींद की गोलियां लेनी पड़ती है. राहुल की झपकी पर एक नेता ने कहा कि जनसेवा में वे इस हद तक थक जाते हैं कि उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती. दूसरे नेता ने कहा कि वे आंखें बंद कर सब सुन रहे थे. खैर जो भी हो, यह अच्छी बात नहीं, क्योंकि नींद के हालात किसी के भी साथ हो सकते हैं.
इस पर उसे तुरंत उठ कर शीतल जल का या चाय -काफी का प्रयोग करना, लघु शंका के बहाने बाहर घूम लेना अच्छा है. संसद में झपकी लेना किसी के लिए भी उचित नहीं है. दुर्भाग्य की बात यह है कि आज हमारे अधिकतर नेता व नौकरशाह ज्वलंत जन समस्याओं पर भी कुंभकर्णी नींद में ही रहते हैं.
वेद मामूरपुर, नरेला
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