हाल ही के दिनों में शिक्षा के क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है. शिक्षकों की नियुक्ति कर शिक्षा के स्तर को सुधारा जा रहा है. विद्यालयों में बच्चों को पोशाक, पुस्तक, साइकिल, पोषाहार, स्कूल किट्स एवं छात्रवृत्ति की राशि देकर उन्हें शिक्षित बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है.
हम शिक्षक भी सरकारी विद्यालयों को निजी विद्यालयों के तर्ज पर लाने के लिए प्रयत्नशील हैं. परंतु इस आधुनिक दौर में शायद हम एक महत्वपूर्ण कमी को नजरअंदाज कर रहे हैं.
आज के इस दौर में हम कंप्यूटर की शिक्षा को कैसे भूल रहे हैं? एक ओर जहां निजी स्कूलों में कंप्यूटर-शिक्षा कक्षा एक से ही आरंभ हो जाती है, वहीं सरकारी विद्यालयों में दसवीं कक्षा तक बच्चे कंप्यूटर शिक्षा से अछूते हैं. बिना कंप्यूटर के ही कम से कम इसका आधारभूत ज्ञान तो दिया जा सकता है. सरकारी विद्यालय के पाठ्यक्रम में भी कंप्यूटर की शिक्षा को शामिल करने का प्रयास किया जाये, ताकि हमारे बच्चे भी 21वीं सदी के बन सकें.
माणिक मुखर्जी, सरायकेला-खरसावां