गुजरात सरकार ने वैसे लोगों को आरक्षण देने का फैसला किया है, जिनके परिवार की सालाना आय छह लाख रुपये से कम है. यह फैसला बिल्कुल सही है. चाहे वह अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति हो या सामान्य वर्ग का उम्मीदवार, आरक्षण का लाभ उन्हें ही मिलना चाहिए, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत हो. मेरा मानना है कि सभी राज्यों को इस फैसले का अनुकरण करना चाहिए. आरक्षण का कुछ हिस्सा जाति के नाम पर तो होना चाहिए, इसके साथ ही जो आर्थिक स्थिति से कमजोर हैं उन्हें भी आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए.
मृत्युंजय शर्मा, ई-मेल से