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जानलेवा साबित होती गरमी!
सूरज की तपिश दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. सूखे और पेयजल संकट की मार झेल रहे भारतीयों के लिए यह दोहरी मुसीबत साबित हो रही है. तापमान के 40 से 50 डिग्री पर पहुंचने से जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. उत्तर भारत में लू की चपेट में आने से अब तक सैकड़ों लोग अपनी जान […]
सूरज की तपिश दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. सूखे और पेयजल संकट की मार झेल रहे भारतीयों के लिए यह दोहरी मुसीबत साबित हो रही है. तापमान के 40 से 50 डिग्री पर पहुंचने से जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. उत्तर भारत में लू की चपेट में आने से अब तक सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. सूरज की तपिश जैसे-जैसे बढ़ेगी, जल संकट और भी गहराता जायेगा. दिहाड़ी मजदूरों, किसानों और कर्मचारियों के लिए दिन में काम पर निकलना मुश्किल होता जा रहा है.
वहीं, गर्म हवाओं के चलने से खेत-खलिहान व घरों में अगलगी की घटनाएं आम हो चुकी हैं. उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग बुझने का नाम ही नहीं ले रही है. जबकि, कुछ प्रदेशों में सैकड़ों घर जल कर स्वाहा हो चुके हैं. पृथ्वी, हमारी सहनशीलता की परीक्षा ले रही है़ देखना दिलचस्प होगा कि मानव जाति प्राकृतिक संसाधनों के अनियंत्रित दोहन से उत्पन्न विनाश के मंजर को कब तक झेल पाता है?
सुधीर कुमार, गोड्डा
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