चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में एनडीए यूपीए पर भारी पड़ा है. इसका असर लोकसभा चुनावों पर पड़ेगा, पर इस ओर ध्यान कितनों का है कि यूपीए की चुनावी सभाओं में नरेंद्र मोदी का कोई तोड़ नहीं था. राहुल गांधी की राजकुमारों वाली छवि उनकी लाख मशक्कत के बाद भी आम जनता का समर्थन नहीं पा सकी. यहीं पर मिट्टी से उपजे किसी नेता की दरकार होती है.
यूपीए के पास अगर कोई दिग्गज नेता है, जो लोकप्रियता के सभी मूलभूत तत्व रखता है और जनता की नब्ज पहचानने में जिसका कोई सानी नहीं है, तो वह लालू यादव के अलावा कोई नहीं है. नरेंद्र मोदी के कद को वही कुछ हद तक छू सकते हैं. इस बात का अंदाजा नरेंद्र मोही को है, तभी वे लालू के प्रति नरम बने हुए हैं. पर शायद लालू इस रणनीति को समझ गये हैं, तभी तो जेल से बाहर आते ही मोदी को खुली चुनौती दे दी है.
डॉ हेम श्रीवास्तव, बरियातू, रांची