हैदराबाद में दलित छात्र की मौत ने पूरे देश में खलबली मचा दी. इसे दलितों पर हो रहे अत्याचार से जोड़ कर दलितों में असुरक्षा का भाव उत्पन्न किया जा रहा है. दुःख इस बात का है कि कोई राजनेता इस बात पर प्रकाश नहीं डाल रहा कि उस छात्र की मौत की वजह क्या थी? देश की शिक्षा व्यवस्था में आयी कमी को कैसे दूर किया जाये, जिससे छात्रों को जान न देनी पड़े. लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सारे राजनेताओं का ध्यान केवल उनके वोट बैंक पर टिका है.
सब हालात का फायदा उठाना चाहते हैं, पर कोई इसे हल नहीं करना चाहता. इसे दलित की मौत नहीं, बल्कि एक छात्र की मौत की तरह देखना चाहिए, जो शिक्षा व्यवस्था में बढ़ती छात्र राजनीति से परेशान हो कर अपनी जान दे देता है. राजनीति से ऊपर उठ कर इस व्यवस्था को बदलें.
-सोनल कुमार महतो, टालीगंज, कोलकाता