पाकिस्तान यदि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को हिरासत में लेने की पुष्टि कर देता, तो इसलामाबाद में होनेवाली भारत-पाक के विदेश सचिवों की वार्ता शायद नहीं टलती. पाकिस्तान ने जैश के कई सदस्यों की गिरफ्तारी तथा दफ्तरों को सील करने की बात तो कही, लेकिन अजहर को लेकर भ्रम बनाये रखा.
जैश के ऑनलाइन मुखपत्र ‘अल-कलम’ में लिखे अजहर के लेख से संकेत मिलते हैं कि उसे उसके घर में नजरंबद किया गया है. मगर पाक सरकार इसकी पुष्टि करने से हिचक गयी. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता खलीलउल्ला काजी ने कहा- ‘हमें अजहर के पकड़े जाने की जानकारी नहीं है.’ इसी पृष्ठभूमि के कारण विदेश सचिवों की वार्ता टालनी पड़ी.
गौरतलब है कि जैश सदस्यों की गिरफ्तारी और सबूत जुटाने के लिए विशेष जांच दल पठानकोट भेजने के पाक सरकार के एलान का भारत ने स्वागत किया है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इन कदमों को सकारात्मक बताते हुए आशा जतायी है कि विदेश सचिवों की वार्ता जल्द होगी. यानी, पाकिस्तान से संबंध सुधारने के इरादे पर भारत सरकार कायम है, बशर्ते पाकिस्तान भी अपेक्षित गंभीरता व ईमानदारी दिखाये. मगर, भारत सतर्क है, क्योंकि पिछला अनुभव उत्साहवर्धक नहीं.
अजहर को लेकर पाकिस्तान ने भ्रम क्यों बनाये रखा है, यह समझना कठिन है. वैसे पाकिस्तान सरकार और अजहर के बीच बिगाड़ होने के भी संकेत मिले हैं. अल-कलम में अजहर ने लिखा है कि पाकिस्तान सरकार मुल्क को बहुत खतरनाक रास्ते पर ले जा रही है. वह मसजिदो, मदरसों व जिहाद के खिलाफ कदम उठा रही है, जिससे पाकिस्तान की एकता और अखंडता के लिए खतरा पैदा हो रहा है. हमारे शासक कोशिश में हैं कि कयामत के दिन वे मोदी और वाजपेयी के दोस्त के रूप में खड़े दिखें. इसके बावजूद पाकिस्तान सरकार उसकी गिरफ्तारी पर कुछ कहने को तैयार नहीं है, तो शक पैदा होना लाजिमी है.
À गौरव कुमार, देवघर