पठानकोट स्थित वायु सेना के सैनिक हवाई अड्डे पर आतंकियों द्वारा किये गये हमले से देश के लोग स्तब्ध हैं. पाकिस्तान की ओर से पीठ के पीछे हमला करने की हरकत कोई नयी नहीं है. इसके पहले भी उसने कई बार देश की सीमाओं पर शांतिवार्ता के नियमों का उल्लंघन करते हुए हमला किया है. घाटी में आम तौर पर हर समय पाकिस्तान की ओर से आतंकी हमले किये जाते हैं.
ऐसे में यदि देश के नेता सिर्फ अफसोस जताने भर का बयान देकर चुप रह जाते हैं, तो यह कुछ अटपटा-सा लगता है. ऐसे समय में सिर्फ बयान देने भर से काम नहीं चलता, बल्कि दुश्मन को उसी की भाषा में जवाब देना ज्यादा बेहतर होता है. ऐसे हमलों को कभी भी बरदाश्त नहीं करना चाहिए. इसके लिए सीमा पर सुरक्षा के लिए लोगों को भी आगे आना चाहिए.
– सौरभ गुप्ता, पलामू