राजनीतिक गलियारे में हो रही बेतुकी बयानबाजी और खबरों का सिलसिला कभी नहीं थमता. कभी कोई राजनेता 12 रुपये में थालीभर खाना मिलने की बात करता है, तो कभी कोई पांच रुपये में.
इस बार पहल भाजपा कि ओर से की गयी है और मुद्दा है पार्टी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की सुरक्षा का. मांग है नमो के लिए एसपीजी सुरक्षा मुहैया कराने की, ताकि उन पर आतंकी हमले न हो सके.
दरअसल असली मुद्दा उनकी सुरक्षा का है ही नहीं, क्योंकि वर्तमान में उन्हें पहले से ही देश की उच्चस्तरीय सुरक्षा एनएसजी प्राप्त है, जिसके जवान एमपी-5 जैसे उच्च तकनीकवाले हथियार से लैस हैं, जो आतंकवादी हमलों से निबटने में खास तौर पर दक्ष हैं. बावजूद इसके भाजपा द्वारा उन्हें एसपीजी सुरक्षा देने कि मांग करना दाल में कुछ काला होने की ओर इशारा करता है.
एसपीजी दरजे की सुरक्षा के लिए या तो आपको वर्तमान प्रधानमंत्री होना होगा या तो आपको पूर्व प्रधानमंत्री या फिर उनका करीबी रिश्तेदार. फिर किसी राजनीतिक पार्टी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार के लिए एसपीजी सुरक्षा की मांग कैसे की जा सकती है? ऐसा नहीं है कि भाजपा इस बात से वाकिफ नहीं है, लेकिन नरेंद्र मोदी के लिए एसपीजी सुरक्षा कि मांग करना भाजपा की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वो ‘नमो’ को प्रधानमंत्री और खुद को सत्ता में देखना चाहती है और इसके लिए वो छोटा-बड़ा कोई भी मौका खोना नहीं चाहती.
चाहे वह कोई बेतुकी बयानबाजी हो या फिर एसपीजी सुरक्षा जैसी बेतुकी मांग. अब देखना यह है कि क्या केंद्र सरकार ‘नमो’ को एसपीजी सुरक्षा देगी या फिर इसके बाद भाजपा खुद को उभारने के लिए कोई और रास्ता निकालती है.
अभिषेक आनंद, सरायढेला, धनबाद