त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है. गांव में लोग ओस के ठंडे कणों और सुबह-सुबह चाय के प्याले के साथ राजनीतिक चर्चा करना शुरू कर चुके हैं. जैसे-जैसे ठंड का असर दिखने लगा है, वैसे-वैसे गांवों में पंचायती चुनाव की सरगरमी भी बढ़ रही है . पंचायत चुनाव के उम्मीदवार अपनी जीत के लिए अभी से दिन दूनी, रात चौगुनी मेहनत करने में जुट गये हैं.
कोई लोक लुभावने वादे कर रहा है, तो कोई बेरोजगारी दूर करने की बात. सभी अपने तीखे व्यंग्य बाणों से विरोधियों को धूल चटाने की फिराक में जुट गये हैं. सबका उद्देश्य मतदाताओं को अपने पक्ष में करना है. सभी अपने-अपने क्षेत्रों में अपने-अपने तरीके से मतदाताओं को लुभाने के काम में जुट गये हैं. इतना तो तय है कि उन्हीं में से कोई एक चुनाव जीतेगा. देखना यह भी है कि मतदाता किस उम्मीदवार को अपना जनप्रतिनिधि चुनते हैं.
-अक्षय कुमार चौबे, तोपचांची