उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के संत शोभन सरकार, जो अब तक मीडिया के समक्ष नहीं आये हैं, ने सपने में देखा कि डौडीयाखेड़ा गांव स्थित राजा राव राम बख्श सिंह के किले के पास एक हजार टन सोना दबा पड़ा है. यह बात उनके शिष्य ने बतायी और उनके सपने पर विश्वास कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के दल ने उत्खनन का काम शुरू कर दिया. उस स्थान पर लोगों की भीड़ जमा हो गयी है, खाने-पीने के ठेले लग गये हैं और मेले का माहौल बन गया है. सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिये गये हैं. देश-विदेश का मीडिया सक्रि य हो गया है. डौडीयाखेड़ा गांव में धारा 144 लगा दी गयी है. पूरी दुनिया के लोग यह तमाशा देख रहे हैं और हमारा देश हंसी का पात्र बना हुआ है.
वहीं दूसरी ओर, कुछ दिनों पहले उड़ीसा में आया तूफान फैलिन हमारी पूर्व नियोजित तैयारियां बेहतर होने के कारण ज्यादा नुकसान नहीं कर सका. इसकी चेतावनी समय से पहले मिल गयी थी, यह किसी ने सपने में किसी ने नहीं देखा था. यह पूर्णत: तकनीकी तथ्य था. यह बात तो समझ में आती है, लेकिन किसी संत द्वारा सपने में सोना देखना और उस पर खनन कार्य शुरू करना न सिर्फ हास्यास्पद है, बल्कि सरकार द्वारा अंधविश्वास को बढ़ावा देना है.
उस पर भी तुर्रा यह कि जिस राज्य में यह सब मायाजाल पसर रहा है, उस उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कहते हैं कि हम संत महोदय को धन्यवाद देते हैं और हम चाहेंगे कि प्रदेश के हर जिले में खजाना निकले और खुशहाली आये. खुदाई में खजाना मिलेगा या नहीं, यह बात भविष्य के गर्भ में है, लेकिन क्या ऐसे ही तथाकथित संतों और बाबाओं की भविष्वाणियों पर खुशहाली टिकती है? खैर यह भारत है और यहां कुछ भी हो सकता है.
गीता दुबे, जमशेदपुर