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देश की शान सानिया

बरसों पहले उसने बेंगलुरु में टेलीविजन पर विंबलडन टूर्नामेंट में कोंचिता मार्टिनेज और स्टेफी ग्राफ को खेलते देखा था. सफेद कपड़ों में हरी घास के उन मैदानों पर खेलने का और ढेर सारी स्ट्रॉबेरी और क्रीम खाने का सपना तो उसने बहुत पहले पूरा कर लिया था, पर ग्रैंड स्लैम टेनिस प्रतियोगिताओं में विशिष्ट स्थान […]

बरसों पहले उसने बेंगलुरु में टेलीविजन पर विंबलडन टूर्नामेंट में कोंचिता मार्टिनेज और स्टेफी ग्राफ को खेलते देखा था. सफेद कपड़ों में हरी घास के उन मैदानों पर खेलने का और ढेर सारी स्ट्रॉबेरी और क्रीम खाने का सपना तो उसने बहुत पहले पूरा कर लिया था, पर ग्रैंड स्लैम टेनिस प्रतियोगिताओं में विशिष्ट स्थान रखनेवाले विंबलडन में ट्रॉफी उठा कर उसने न सिर्फ अपने पेशेवर जीवन में एक अनन्य उपलब्धि हासिल की है, बल्कि उसने हमारे देश के गौरव में भी नया अध्याय जोड़ा है.
सानिया मिर्जा और मार्टिना हिंगिस की जोड़ी ने रूस की एकाटेरिना माकारोवा और एलेना वेसनिना को हरा कर महिला युगल का खिताब अपने नाम कर लिया है. इस जीत से सानिया इस श्रेणी में विंबलडन में विजय प्राप्त करनेवाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गयी हैं. मार्टिना के लिए भी यह जीत बहुत खास है क्योंकि इस टूर्नामेंट मेंउन्हें 17 सालों की प्रतीक्षा के बाद नया खिताब हासिल हुआ है. सानिया को भी पेशेवर खिलाड़ी बनने के 12 सालों के बाद यह गौरव प्राप्त हुआ है. सानिया और भारत के लिए यह जीत इसलिए भी उल्लेखनीय है कि इसी मैदान पर 2003 में उसने अपने साथी खिलाड़ी रूस की अलीसा क्लेबानोवा के साथ बिंबलडन महिला युगल का जूनियर खिताब हासिल किया था.
लीसा के साथ ही 2011 में वह फ्रेंच ओपेन फाइनल तक पहुंची थी, पर इस जोड़ी को दूसरे स्थान से ही संतोष करना पड़ा था. सानिया के खाते में उपलब्धियों की प्रभावशाली सूची है. वर्ष 2009 में ऑस्ट्रेलियन ओपेन में महेश भूपति के साथ मिक्सड डबल जीत कर वह पहली भारतीय महिला ग्रैंड स्लैम विजेता बनी थी. फिर उसने भूपति के साथ ही 2012 में फ्रेंच ओपेन तथा ब्रुनो सोरेस के साथ 2014 में यूएस ओपेन का मिक्स डबल खिताब जीता था.
विंबलडन फाइनल से पूर्व दोनों प्रतिद्वंद्वी जोड़ियां हाल के समय में दो बार भिड़ चुकी थीं, पर प्रथम वरीयता प्राप्त मार्टिना-सानिया की जोड़ी के लिए दूसरी वरीयता प्राप्त रूसी खिलाड़ियों से यह मुकाबला आसान नहीं था. लेकिन शुरु आती झटकों के बाद जोरदार तालमेल से मार्टिना और सानिया ने इंडियन वेल्स और मियामी के फाइनल मैचों की विजयी गाथा को फिर से दुहराया.
जीत के बाद स्ट्रॉबेरी और क्रीम का लुत्फ उठाती सानिया और गौरवान्वित देश की खुशी उन लोगों के विरुद्ध एक ठोस बयान है जो इस शानदार खिलाड़ी के बारे में अभद्र और अशालीन टिप्पणियों करते रहते हैं. हम सबकी सानिया को ढेर सारी बधाइयां और शुभकामनाएं.

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