23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पानी-पानी जिंदगानी घर-घर की कहानी

मिथिलेश झा प्रभात खबर, रांची सुबह-सुबह पड़ोसी खबरीलाल के घर के सामने आ पहुंचा और पहला सवाल दागा : क्यों स्नान हो गया? खबरीलाल चुप. पड़ोसी ने फिर सवाल छोड़ा : आपसे ही पूछ रहे हैं, स्नान हो गया? खबरीलाल ने जवाब देने के बजाय पड़ोसी की ओर वही सवाल उछाल दिया : आपने किया […]

मिथिलेश झा
प्रभात खबर, रांची
सुबह-सुबह पड़ोसी खबरीलाल के घर के सामने आ पहुंचा और पहला सवाल दागा : क्यों स्नान हो गया? खबरीलाल चुप. पड़ोसी ने फिर सवाल छोड़ा : आपसे ही पूछ रहे हैं, स्नान हो गया? खबरीलाल ने जवाब देने के बजाय पड़ोसी की ओर वही सवाल उछाल दिया : आपने किया क्या? पड़ोसी सन्न! क्या? अरे स्नान, और क्या? पड़ोसी बोल पड़ा : मैंने आपसे एक सवाल पूछा था, जवाब तो दिया नहीं. सवाल दाग दिये. ठीक है, मैं ही आपके सवाल का जवाब दे देता हूं.
नहीं किया, स्नान. खबरीलाल ने तत्क्षण अगला सवाल ठोंका : क्यों? जवाब आया : पानी कहां है. आजकल सुबह पानी नहीं आता. वो तो भला हो मकान मालिक का, जिसने कुआं भी खुदवा रखा है. क्या हुआ, जो मोटर नहीं लगवाया. पानी की टंकी तो लगवा रखा है. अब पानी आये और उसका प्रेशर इतना न हो कि टंकी नहीं भर पाये, तो इसमें भला मकान मालिक का क्या दोष दें? और नगर निगम को भी क्या दोष देना. दिन में एक बार पानी की सप्लाई तो कर ही देता है. वह 12 बजे हो, दो, तीन या चार बजे. अब भला कोई एक बजे तक पानी का इंतजार कैसे करे? ऐसा करने लगें, तो न खाना बनेगा, न नौकरी हो पायेगी.
पड़ोसी का दर्द सुन खबरीलाल से कुछ कहते नहीं बना. उसने पड़ोसी की ही बात को आगे बढ़ाते हुए माहौल को हल्का करने की कोशिश की. कहा : कोई बात नहीं. आपने ही क्यों कसम खा रखी है, सुबह-सुबह नहाने की. क्यों जिद पकड़ रखी है, सुबह-सुबह खाने और ऑफिस जाने की. कभी देर से भी ऑफिस जाइए.
देर से उठिए, आराम से नगर निगम की सप्लाई के पानी से नहाइए. रगड़-रगड़ कर नहाइए. बचपन में ‘उठो सवेरे, रगड़ नहाओ’ की बातों को अब भूल जाइए. बड़े हो गये. बड़ों की तरह व्यवहार भी कीजिए. आपको तो सिर्फ अपने नहाने के लिए ही पानी निकालना होता है. भाभी जी, तो अपने लिये पानी खींच ही लेती होंगी, कुएं से. बच्चों के स्कूल से आने के बाद उनके नहाने के लिए निगम का पानी आ ही जाता होगा.
माहौल हल्का करने की खबरीलाल की कोशिशों पर पानी पड़ गया. पड़ोसी आग बबूला हो गया, मानो गैस की लीक पाइपलाइन को किसी ने माचिस की तीली जला कर दिखा दी हो. कहने लगा : नगर निगम ने पहले से ही पानी पिला रखा है. घरों में पानी आये, न आये, कई इलाके में सड़क पानी-पानी है. चारों ओर फव्वारे चल रहे हैं.
सिर्फ रंग-बिरंगी लाइटें लग जायें, तो शहर में पार्क की कमी भी पूरी हो जायेगी. अब तो हालत यह हो गयी है कि जिनके घर पाइपलाइन बिछी है, उनके घर समय पर पानी नहीं आता. जिन्होंने कभी महज कनेक्शन का आवेदन किया था, उनके घर हजारों के बिल आ गये हैं. कहते हैं कि कनेक्शन मांगा, तो बिल भरो. पानी मिले, न मिले.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें