।। सुमित सुमन ।।
(प्रभात खबर, मुजफ्फरपुर)
कहते हैं कि मां की ममता तो नजर आती है, पर बाप का प्यार केवल महसूस किया जाता है. दरअसल, जब बाप की करुणा बरसती है तो ‘तारे जमीं पर’आ ही जाते हैं.
अक्सर जब हम अचंभित, खुश, गमजदा या क्रोधित होते हैं, तो उन्हें ही याद करते हैं, मसलन– बाप रे बाप! और अब तो ‘जिला गाजियाबाद’ में हर कोई अकड़ कर कहता फिरता है, ‘अपने बाप का न समझो माल’, लेकिन यह बात अंकल सैम को कौन समझाये. उन्हें तो बस दुनिया का बाप बनने की सनक चढ़ी है. खैर, जाने दीजिए, अपने बाप का क्या जाता है. अब जब बात ‘बाप’ तक आ गयी है तो आपको बता दूं कि बिग बी से ज्यादा बाप को शोहरत किसी ने नहीं दिलायी है.
उनकी फिल्म ‘शंहशाह’ का डायलॉगरिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं.., उस दौर में स्कूल–कॉलेज जानेवाले छात्रों की जुबान पर हर पल चढ़ा रहता था. मौका मिला नहीं कि दोस्तों के बीच यह डायलॉग एक–दूसरे पर चिपका दिया जाता था. हालांकि बाप के एकाधिकार या बपौती का हनन होते देख उनके बीच हल्की–फुल्की झड़प भी हो जाती थी.
बहरहाल, आज के रेडिमेड कल्चर में जेनेटिक फादर के साथ–साथ लोगों के गॉडफादर भी होने लगे हैं. कॉरपोरेट वर्ल्ड से लेकर ग्लैमर वर्ल्ड तक, पॉलिटिकल वर्ल्ड से लेकर अंडरवर्ल्ड तक गॉडफादर का ही सिक्का चलता है. गॉडफादर के बच्चे भले ही टैलेंट में कमतर हो, लेकिन पैरवी पाने में सबके बाप होते हैं. इसलिए उन्हें पैरवी पुत्र/पुत्री कहा जाता है.
इस वजह से उन्हें हर जगह ‘पर्सनल अटेंशन’ मिलता है. वैसे भी कोल्हू के बैल की तरह पिस कर नाम कमाने से क्या फायदा, जब आदमी का सारा तेल ही निकल जाये. शोहरत की बुलंदियों को छूने के लिए गॉडफादर के कंधे पर चढ़ना कहीं आसान उपाय है. वैसे अब तो ज्योतिषी भी सलाह देने लगे हैं कि ‘बच्चा अपने सोये भाग्य को जगाना है तो गॉडफादर का स्मरण करो.’ बहरहाल, ‘आम आदमी का हाथ’ (आम आदमी के मुंह से आह ही निकलती है) होने का दावा करनेवाली पार्टी से जुड़े मेरे एक मित्र के इस बारे में बोल–वचन बड़े ही प्रासंगिक हैं.
मेरे मित्र का कहना है कि आजकल न्यूज चैनलों के ब्रेकिंग न्यूज से लेकर अखबार में देखने–सुनने को मिल रहा है कि ऑनर किलिंग में बाप ने बेटी को मौत से घाट उतारा, बेटी से दुष्कर्म का आरोपित बाप धराया, शराबी बाप ने दुधमुंहे बच्चे का गला घोंटा.
इतना होने के बाद भी कोई अपने हाथ पर यह लिख कर नहीं घूम सकता है कि ‘मेरा बाप चोर है.’ तो भइया अब गॉडफादर को ही अपनाना होगा. तब, जब कोई आपसे कहेगा, मेरे पास बंगला है, गाड़ी है, रुपया है, तुम्हारे पास क्या है, आप फख्र से कह सकते हैं, मेरे पास गॉडफादर है.