अभी इंटर पास प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रि या चल रही है. काउंसलिंग में बुलाये गये पिछड़े और अत्यंत पिछड़े वर्ग के सफल उम्मीदवारों से ऐसे जाति प्रमाण पत्र मांगे जा रहे हैं, जिस पर साफ तरीके से ‘नियोजन हेतु’ लिखा गया हो. ‘शैक्षणिक हेतु’ अंकित प्रमाण पत्र स्वीकारा नहीं जा रहा है.
प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं करा पाने की स्थिति में उम्मीदवारी निरस्त करने के संकेत दिये जा रहे हैं. विडंबना यह भी है नियोजन के लिए प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किये जाने पर संबंधित विभाग से 1932 का खतियान मांगा जा रहा है.
सवाल यह पैदा होता है कि आखिर अभ्यर्थी अब 1932 के खतियान कहां से लायें और यदि लायें भी तो क्या इससे उनकी जाति बदल जायेगी? शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जिले के द्वारा की जा रही यह मांग सरासर गलत है. इसमें सुधार करना चाहिए.
जयप्रकाश महतो, रामगढ़