हिंदुत्व हिंदुस्तान की पहचान : मोहन भागवत (प्रभात खबर, 22 जुलाई, 2013) शीर्षक खबर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालकमोहन भागवत ने हिंदुत्व के संबंध में कुछ राजनेताओं द्वारा फैलायी गयी भ्रांतियों को दूर करते हुए इसे सरल शब्दों में तथा यथार्थ रूप में समझाने की चेष्टा की है. उनके संबोधन को पढ़ने पर यह स्पष्ट होता है कि हिंदुत्व का तात्पर्य किसी धर्म विशेष से कतई नहीं है.
वास्तव में हिंदुत्व की सीमा में भारतभूमि पर जन्मे वे सभी लोग आते हैं, जिन्हें अपनी मातृभूमि से प्रेम है, चाहे वे हिंदू हों या मुसलमान, सिख हों या ईसाई. सही मायने में हिंदुत्व देशप्रेम शब्द का ही पर्यायवाची है. यह अलग बात है कि देश के अधिकांश राजनेताओं ने राजनीतिक स्वार्थो की पूर्ति के लिए जनता के समक्ष हिंदुत्व के अर्थ को तोड़–मरोड़ कर पेश किया है और इसे सांप्रदायिकता से जोड़ रखा है. सच तो यह है कि उन्हें इस बात का भय सता रहा है कि जिस दिन जनता को हिंदुत्व का असली मतलब मालूम पड़ गया, उस दिन पूरा समाज एकजुट होकर उन सभी शक्तियों के खिलाफ लड़ पड़ेगा.
।। शैलेश कुमार ।।
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