भाजपा हर तरह से निराश हो चुकी है और दो लोकसभा चुनावों की हार ने भाजपा और आरएसएस को झकझोर कर रख दिया है और हारकर एक अंतिम प्रयास नमो के नाम पर अगला लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं. लेकिन लगता है कि अब भाजपा और आरएसएस में कोई चिंतन करने वाला नहीं रहा कि हार के क्या कारण थे और आने वाले समय में एक बार फिर हार के क्या कारण होंगे, तो मुझे पूर्ण विश्वास है कि कांग्रेस और यूपीए के मनरेगा, किसान कजर्माफी, सूचना का अधिकार और अब खाद्य सुरक्षा, एफडीआइ, महिला बैंक, महिला थाना आदि उल्लेखनीय कदमों से प्रभावित होकर देश की जनता अगले लोकसभा चुनावों में एक बार फिर कांग्रेसनीत यूपीए गठबंधन की सरकार को मौका देगी.
वहीं दूसरी ओर, रचनात्मक विपक्ष की भूमिका न निभाकर, संसद को ठप करके और आवश्यक बिलों को पारित नहीं होने देने को लेकर, भारतीय मतदाता कभी भी भाजपा और आरएसएस को माफ नहीं करेंगे. इसलिए अब भाजपा–आरएसएस संभल जायें, नहीं तो अगले लोकसभा चुनावों में इनका सूपड़ा साफ होगा.
।। डॉ भुवन मोहन ।।
(हिनू, रांची)