प्रभात खबर का मतदाता जागरूकता अभियान ‘आओ हालात बदलें’ पत्रकारिता जगत में क्रांति का संकेत है. पत्रकारिता जगत में अनेक विडंबनाएं हैं. आये दिन पत्रकारों का वीडियो रिकॉर्डिग कैमरा छीने जाने, उनके साथ मारपीट किये जाने और अभद्रतापूर्ण व्यवहार किये जाने की घटनाएं होती रहती हैं.
जब पूरा हिंदुस्तान अंगरेजों की गुलामी से तंग आ गया था, तब देश में क्रांति आयी थी. कुछ लोग अखबारों के माध्यम से एकजुटता दिखाते हुए अंगरेजों से लोहा लेते रहे.
देश के कई लोग शहीद हो गये, फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी. जिंदगी की जंग से हार कर भी आजादी की जंग में जीत गये. हालात बदले, मगर हम लोगों में से कुछ लोगों के लिए हालात अब भी नहीं बदले हैं. वहीं चंद लोग ऐसे भी हैं, जो नहीं चाहते कि देश के हरेक चेहरे पर मुसकान हो. झारखंड राज्य के गठन को 14 साल हो गये. विकास के नाम पर यहां के नेता ढिंढोरा पीटते भले ही नजर आते हैं, लेकिन इसकी लकीर खींचने की दिशा में अभी तक ढंग से एक ईंट भी नहीं रखी जा सकी है. यहां के विभिन्न जिलों की स्थिति जस की तस बनी हुई है. कई ऐसे भी जिले हैं, जहां विकास के नाम पर जमीन खोदी जा रही है और पहाड़ तोड़े जा रहे हैं. जमीन और पहाड़ के पत्थरों को तोड़ने के लिए भारी-भरकम क्रेशर मशीनें लगायी गयी हैं. उनके मालिकों के साथ अफसरों और नेताओं की जेबें मोटी होती जा रही हैं.
अमीर और ज्यादा अमीर, और गरीब और गर्त में गिरता जा रहा है. राज्य की यह स्थिति उन लोगों की वजह से हुई है, जो बदलाव नहीं चाहते हैं. अब राज्य के विकास के लिए यहां की जनता को ही आगे आना होगा. नेताओं के भरोसे कुछ नहीं होगा.
राजेश्वर कुमार राजू, हजारीबाग