नवरात्रि शुरू हो गयी है और दुर्गा पूजा बहुत जल्द दस्तक देने वाली है. हर बार की तरह इस बार भी शहरों से लेकर गांवों तक में पूजा का हर्षोल्लास नजर आयेगा. इस दौरान पंडालों को खूब सजाया जायेगा और खूब धूम-धाम से त्यौहार मनाया जायेगा. लेकिन एक सच्चाई हमें नजरअंदाज नहीं करनी चाहिए कि हर पंडाल को तैयार करने में लाखों रुपयों का खर्च आता है.
पंडालों के बीच इस बात की प्रतिस्पर्धा होती है कि किसकी मूर्ति अच्छी है और किसकी लाइटिंग. क्या यही है असली आस्था? नहीं यह सब पैसा कमाने और बहाने का जरिया है. इन पंडालों में लाखों रुपये खर्च करने से बेहतर होगा कि इस राशि को जरूरतमंदों की सेवा में लगाया जाये और दुर्गा पूजा सादगी से मनाया जाये. हमें जम्मू-कश्मीर के बाढ़ पीडि़तों का भी ध्यान रखना चाहिए. यही सही मायने में मां दुर्गा की पूजा होगी.
पालुराम हेंब्रम, सरायकेला