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ताकि और कारगर बने आरटीआइ

खबर है कि झारखंड में सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत सूचना मांगने के लिए जल्द ही ऑनलाइन अरजी देने की व्यवस्था की जा रही है. अगर ऐसा हुआ, तो लोगों को संबंधित दफ्तरों में जाकर अरजी देने की जरूरत नहीं रह जायेगी. आप कहीं से भी इंटरनेट की मदद से अरजी दे सकेंगे. इसके […]

खबर है कि झारखंड में सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत सूचना मांगने के लिए जल्द ही ऑनलाइन अरजी देने की व्यवस्था की जा रही है. अगर ऐसा हुआ, तो लोगों को संबंधित दफ्तरों में जाकर अरजी देने की जरूरत नहीं रह जायेगी.

आप कहीं से भी इंटरनेट की मदद से अरजी दे सकेंगे. इसके लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है. ऑनलाइन अरजी से सूचना का अधिकार कानून और कारगर बनेगा. कई बार हमें विभिन्न जगहों पर गड़बड़ी का अंदेशा होता है और हम उसके बारे में सूचना पाना चाहते हैं. हमें यह मालूम होता है कि हम आरटीआइ के तहत अरजी देकर सूचना पा सकते हैं, पर हम ऐसा नहीं करते, क्यों? इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि हम संबंधित विभाग के दफ्तर में जाने की जहमत नहीं उठाना चाहते.

यह भी सोचते हैं कि वहां जो सूचना अधिकारी होगा, वह किस तरह पेश आयेगा. एक तरह की हिचक हमारे मन में होती है. अगर यही अरजी देने का इंतजाम ऑनलाइन हो जाये, तो लोग बेहिचक सूचनाएं मांगने लगेंगे. आरटीआइ का मकसद ही है, लोगों में सूचनाएं पाने की ललक जगाना. लोग विभिन्न सरकारी कामों से जुड़ी जितनी ज्यादा सूचनाएं मांगेंगे, सरकारी अफसर व कर्मचारी भी उतने ही ज्यादा सावधान रहेंगे. नतीजतन, भ्रष्टाचार में कमी आयेगी. ऑनलाइन अरजी के लिए जो साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है, उसमें कुछ खूबियों का होना जरूरी है. पहली बात यह कि ये इतना सरल हो कि इसे कम पढ़े-लिखे लोग भी आसानी से इस्तेमाल कर पायें. हिंदी में भी अरजी देने का इंतजाम हो. और, फॉर्म में जो हिंदी हो, वह अबूझ सरकारी हिंदी न हो, बल्कि बोल-चाल की आमफहम भाषा हो.

इसके अलावा, एक बात का खास ख्याल रखने की जरूरत है. अरजी के साथ 10 रुपये का शुल्क देना होता है. अभी या तो इसके लिए संबंधित विभाग में रसीद कटानी पड़ती है या डाक घर से पोस्टल ऑर्डर खरीदना पड़ता है. छोटे डाक घरों में कई बार पोस्टल ऑर्डर मिल ही नहीं पाता, या फिर इतनी छोटी रकम का नहीं रहता. ऐसे में ऑनलाइन अरजी के साथ यह भी जरूरी है कि शुल्क भी ऑनलाइन जमा हो सके. अगर ये सुधार लागू हो गये, तो यकीनन आरटीआइ पहले से ज्यादा कारगर बन पायेगा.

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