29 जुलाई 2014 के प्रभात खबर में छपे समाचार ‘शाखाओं में बंटनेवाली किताबें अब स्कूलों में’ पढ़ कर लगा कि अब आरएसएस की शाखाओं में बंटनेवाली पुस्तकों के लेखक दीनानाथ बत्र गुजरात के जरिये पूरे देश के स्कूलों में उन पुस्तकों को ले जाने का विचार रखते हैं और देश के इतिहास को भी बदलने की सोच रखते हैं.
इनकी यह भी सोच है कि इन पुस्तकों के माध्यम से देश के बच्चों में, देश को अखंड रखने के अलावा इस देश से टूट कर अलग हुए पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, तिब्बत, बर्मा और श्रीलंका को पुन: भारत में जोड़ने की प्रेरणा जगे. बरसों से समय-समय पर संघ अपने हिंदुत्व सोच के तहत अनेक क्रियाकलापों को अंजाम देता रहा है, पर समय और परिस्थितियां उसका खुल कर साथ नहीं देती थीं, पर अब तो सरकार उसी की है, जो चाहे करे!
मोहम्मद सलीम, बरकाकाना