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प्रशिक्षित युवाओं को भी काम नहीं
वर्तमान समय में भारत में बेरोजगारी विकराल रूप धारण करती जा रही है. नेशनल स्किल डेवेलपमेंट कॉरपोरेशन के अनुसार अब तक मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में पर्याप्त रोजगार पैदा नहीं हो पाया है. एनएसडीसी द्वारा प्रशिक्षित 39.8 लाख युवाओं में से मात्र 12 प्रतिशत को ही रोजगार मिला. अब तक यही रोना रोया जाता था कि अप्रशिक्षित […]
वर्तमान समय में भारत में बेरोजगारी विकराल रूप धारण करती जा रही है. नेशनल स्किल डेवेलपमेंट कॉरपोरेशन के अनुसार अब तक मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में पर्याप्त रोजगार पैदा नहीं हो पाया है. एनएसडीसी द्वारा प्रशिक्षित 39.8 लाख युवाओं में से मात्र 12 प्रतिशत को ही रोजगार मिला. अब तक यही रोना रोया जाता था कि अप्रशिक्षित युवाओं को कौन-सा रोजगार दिया जाए, परंतु अब तो कुशल संस्थानों द्वारा प्रशिक्षित करोड़ों युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं.
देश की नवरत्न कंपनियां, मसलन भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, भी खुद सामान मैन्युफैक्चरिंग न कर बाहर से ठेके पर सामान बनवा कर आपूर्ति कर रही हैं क्योंकि इसमें कर्मचारियों को वेतन, ग्रेच्युटी, पेंशन आदि देने का झंझट नहीं है. बेहतर होता कि उद्योगों के लिए पूर्व की कठोर शर्तों और नियमों को आसान बनाया जाता, ताकि एक प्रशिक्षित इंजीनियर कम लागत में भी खुद एक छोटा-मोटा उद्योग स्थापित करके कुछ प्रशिक्षित बेरोजगार युवकों को रोजगार दे सके.
निर्मल कुमार शर्मा, गाजियाबाद ,
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