हम सब जानते हैं कि शिक्षा अज्ञानता के अंधकार को खत्म करती है. वक्त के साथ-साथ शिक्षा के तौर-तरीकों में दिनोंदिन बदलाव आ रहा है. सूचना तकनीक के इस दौर में शिक्षा का पारंपरिक तरीका कहीं पीछे छूट गया है. अब शिक्षा हाइटेक हो गयी है. टीचर की जगह कुछ हद तक कंप्यूटर ने ले ली है.
लेकिन दुनियाभर में सूचना क्रांति के एक मजबूत स्तंभ के रूप में पहचान रखनेवाले भारत के अधिकांश बच्चों को इस तकनीकी बदलाव का फायदा नहीं मिल पा रहा है. नयी तकनीक, नये पाठय़क्रम, नयी सोच और शिक्षा का आधुनिक माहौल, आधुनिक मशीनें और अनगिनत अवसर प्रदान करनेवाले ऐसे बदलाव व संसाधन ग्रामीण भारत की पहुंच से काफी दूर हैं. यही वजह है कि मेधावी होने के बावजूद ग्रामीण बच्चे आइआइटी और एम्स जैसे संस्थानों में तक कम ही पहुंच पाते हैं.
ईश्वर चंद्र झा, रांची