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विपक्ष मर्यादा का पालन करे
विपक्षी राजनीतिक दलों से अपेक्षा नहीं की जाती है और न ही की जानी चाहिए कि वे सत्तापक्ष के कार्यों की सराहना करें, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि उनकी ओर से सेना पर संदेह जताया जाये. सर्जिकल स्ट्राइक मामले में ऐसा ही हुआ. कायदे से तो सर्जिकल स्ट्राइक के वीडियो सामने आने के बाद […]
विपक्षी राजनीतिक दलों से अपेक्षा नहीं की जाती है और न ही की जानी चाहिए कि वे सत्तापक्ष के कार्यों की सराहना करें, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि उनकी ओर से सेना पर संदेह जताया जाये.
सर्जिकल स्ट्राइक मामले में ऐसा ही हुआ. कायदे से तो सर्जिकल स्ट्राइक के वीडियो सामने आने के बाद उन नेताओं को शर्मिंदा होना चाहिए था, जिन्होंने उस पर संदेह जताते हुए बेजा बयान दिया था, लेकिन लगता है कि वे अपनी भयंकर भूल को भी बड़ी आसानी से भुला देते हैं.
जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी, तब उस पर सवाल खड़े किये गये और अब उसका वीडियो सामने आ गये, तो यह कहा जा रहा है कि आखिर इसकी क्या जरूरत थी? यह सवाल वे लोग न उठाएं तो बेहतर, जो सर्जिकल स्ट्राइक पर बेतुके बयान दाग रहे थे और उसे फर्जिकल स्ट्राइक करार दे रहे थे. अच्छा होगा कि वे मर्यादा में रहना भी सीखें. यही राष्ट्रहित में है.
डाॅ हेमंत कुमार, गोराडीह, भागलपुर
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