संतोष उत्सुक
व्यंग्यकार
पिछले दिनों एक बेहद सफल, फिल्मी सुपर स्टार की सुप्रसिद्ध पत्नी ने उपदेश शैली में जोर देकर कहा कि मेरे लिए कुछ मायने रखता है, तो मैं इस बारे में जरूर आवाज उठाती हूं. उन्होंने स्पष्ट कहा कि पृथ्वी नामक ग्रह पर मेरे लिए बहुत कम समय है और मुझे दो चीजें करनी है.
जो मैंने पाया है, उससे बेहतर दुनिया छोड़कर जाना चाहती हूं और इस प्रक्रिया में पूरी मस्ती करना चाहती हूं. वह इस बात की परवाह नहीं करती कि लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं.
आम तौर पर हमारे देश के सुसंस्कृत और सभ्य लोग तैयार बैठे होते हैं कि कब कोई कुछ ‘खास’ कहे और हम झट से विवाद खड़ा कर दें.
सुना गया है कि टिप्पणियां विवाद उगाने के लिए ही बोई जाती हैं. जितनी जानदार टिप्पणी उतना शानदार विवाद. जिंदगी अगर शान-ओ-शौकत से जीने का मौका मिला है और आपने अपनी हर किस्म की प्रतिभा का दोहन किया है, तो आपको निश्चय ही आवाज उठानी चाहिए. परवाह कौन करता है, सब अपनी दुनिया बेहतर बनाने के चक्कर में हैं और मस्ती भी सब कर रहे हैं. हां आवाज उठाने के अनेक फायदे हैं. उठायी हुई आवाज आपके व्यक्तित्व में चार नहीं कई दर्जन एलइडी लगा देती है .
यह तो आप के पास प्रसिद्धि का फलक है, आप आवाज उठा भी सकते हैं और आवाज सुनी भी जायेगी. आप जो मर्जी कहिए, कोई आपका बाल भी बांका नहीं कर सकता. आपके पास अकूत धन दौलत और संपर्क के आसमान हैं.
प्रसिद्ध होने के बाद छोटे लोगों के बारे में बातें करने या उनसे मिलने की इच्छा या प्रवृत्ति तभी अंकुर पकड़ती है, जब हम अपने बड़ेपन से परेशान या बोर हो चुके हों या फिर ऐसा करके नयी पहचान मिलती हो. यह प्रक्रिया निरंतर रहे तो लोग महान बनने लगते हैं.
बड़े और प्रसिद्ध लोगों को छोटे-छोटे प्रयास कर बड़े व स्थायी परिणाम मिलते हैं. किस बारे में आवाज उठानी है कि परिणाम उनके ही हक में ही टपकें यह कला और अदा तो लोग ‘बड़े’ और ‘प्रसिद्ध’ होते-होते सीख ही जाते हैं.
ऐसे ‘महान’ होते महान लोगों को आवाज उठाने के साथ-साथ आवाज दबानी भी आ जाती है. आवाज ठीक से दब जाये, तो फायदा जिंदगीभर साथ निभाता है.
यह अलग बात है कि एक मृत हिरण की आवाज सालों तक परेशान कर रखती है, मगर आवाज दबाने की कला में माहिर लोग किसी भी आवाज को दबाने में कामयाब हो ही जाते हैं. बरसात के मौसम में कानून उनके यहां बारिश नहीं होने देता. किसी को भी न बख्शने वाला वक्त भी आवाज उठाने के कायदे भूल जाता है.
जो लोग वक्त के बदलाव को अपनी महंगी जेब में डाल कर चलते हैं वे बताते समझाते रहते हैं कि किसकी आवाज कितनी उठानी है, किसकी आवाज को कौन सा नया रंग देना है, किसकी आवाज का रंग बदलना है और किसकी आवाज का सर कलम करना है. आवाज उठाने और गिराने के फायदे उठाना सब के बस की बात नहीं.