यह बिल्कुल सच है कि नरेंद्र मोदी को लेकर मीडिया की छवि संदेहास्पद बनी हुई है जो स्वाभाविक है. आम जनता साफ देख रही है कि आज सभी न्यूज चैनल नरेंद्र मोदी के पक्ष में काम कर रहे हैं.
कई विरोधियों का का कहना है कि मीडिया मोदी के पक्षधर पूंजीपतियों के हाथों बिका हुआ है. सच्चाई जो भी हो, पर यह बात भी झूठ नहीं है कि देश के मुसलमानों की तरह ही मीडिया भी नरेंद्र मोदी से डरा हुआ है.
और डरे भी क्यों न! तहलका के तरुण तेजपाल की दुर्गति किसी से छिपी नहीं है. दबंग नेताओं की बात नहीं मानने वाले अधिकारियों को भी समय से पहले स्थानांतरण का मजा चखना पड़ता है. बड़े अधिकारी भी नेताओं के पैर छू कर तनावमुक्त हो कर नौकरी करते हैं. इस लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है, तो जनप्रतिनिधि की मुखालफत कौन कर सकता है भला?
मोहम्मद सलीम, बरकाकाना