15.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कब तक ऐसे सवाल

पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के मुस्लिमों में बेचैनी और असुरक्षा की भावना वाले बयान की निंदा होनी चाहिए. कुछ लोग राजनीतिक वजहों से ऐसे मामलों को तूल देते हैं. प्रश्न यह है कि बार-बार देश में राजनयिकों व उच्च पदों पर आसीन अन्य लोगों द्वारा इस तरह का बयान दिया जाना कहां तक जायज है? […]

पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के मुस्लिमों में बेचैनी और असुरक्षा की भावना वाले बयान की निंदा होनी चाहिए. कुछ लोग राजनीतिक वजहों से ऐसे मामलों को तूल देते हैं. प्रश्न यह है कि बार-बार देश में राजनयिकों व उच्च पदों पर आसीन अन्य लोगों द्वारा इस तरह का बयान दिया जाना कहां तक जायज है?
देश में अल्पसंख्यक कहने का अर्थ केवल मुस्लिमों को सामने खड़ा कर क्यों बोला जाता है? सिख, बौद्ध, जैन आदि की परेशानी कभी नेताओं, अधिकारियों व मीडिया को क्यों नहीं दिखायी देती है? आजादी के 70 वर्ष बाद शीर्ष पदों पर रहने व देश का प्रतिनिधित्व करनेवाले जिम्मेदार व्यक्तियों को इस तरह के वक्तव्यों से बचना चाहिए.
हरिशचंद्र महतो, गांव- बेलपोस, इमेल से

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें