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मधुमेह पीड़ित लड़कियों में अनियमित पीरियड का जोखिम ज्यादा

वाशिंगटन : टाइप टू मधुमेह से पीड़ित लड़कियों को अनियमित माहवारी होने का जोखिम ज्यादा होता है. एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है. माहवारी में अनियमितताओं के कारण गर्भावस्था, हार्मोन असंतुलन, संक्रमण, बीमारियों, सदमा लगने और कुछ दवाईयों का सेवन आदि हो सकते हैं. मोटापे की समस्या से पीड़ित वयस्क महिलाओं में […]

वाशिंगटन : टाइप टू मधुमेह से पीड़ित लड़कियों को अनियमित माहवारी होने का जोखिम ज्यादा होता है. एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है. माहवारी में अनियमितताओं के कारण गर्भावस्था, हार्मोन असंतुलन, संक्रमण, बीमारियों, सदमा लगने और कुछ दवाईयों का सेवन आदि हो सकते हैं.

मोटापे की समस्या से पीड़ित वयस्क महिलाओं में पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) जैसे माहवारी संबंधी विकार के खतरे होते हैं जिससे मधुमेह या अन्य चयापचय समस्याएं हो सकती हैं.

हालांकि लड़कियों में युवावस्था में मधुमेह टाइप टू होने के कारण उनकी प्रजनन क्षमता पर पड़ने वाले असर के बारे में बहुत कम जानकारी मिलती है.

अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो की मेगान केल्से ने कहा , ‘टाइप टू मधुमेह से पीड़ित लड़कियों में माहवारी संबंधी समस्याओं का पता लगाना आवश्यक है.’

केल्से ने कहा , ‘अनियमित पीरियड के कारण असहनीय दर्द हो सकता है, जिगर में वसा जमने की बीमारी का खतरा, प्रजनन संबंधी समस्याएं और आगे चलकर एंडोमेट्रियल कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है.’

वैज्ञानिकों ने इन नतीजों पर पहुंचने के लिए ट्रीटमेंट ऑप्शन्स फॉर टाइप टू डायबीटिज इन यूथ (टूडे) अध्ययन के डेटा का अतिरिक्त विश्लेषण किया.

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