India Australia Relation ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने और रक्षा मंत्री पीटर डटन ने शनिवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्षों मारिस पायने और पीटर डटन के साथ दिल्ली में आरंभिक टू-प्लस-टू वार्ता की. विदेश मंत्री जयशंकर ने अपनी बातचीत को सार्थक बताया.
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने ने कहा कि अफगानिस्तान का भविष्य केंद्रीय चिंता का विषय बना हुआ है. हम नागरिकों, विदेशी नागरिकों,अन्य देशों के वीजा धारकों को सुरक्षित निकालने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि 9/11 आतंकवाद के बर्बर कृत्यों की याद दिलाता है. भारत एक उभरती हुई इंडो-पैसिफिक महाशक्ति है. हम दोनों व्यापार और आर्थिक कल्याण के लिए इंडो-पैसिफिक में समुद्री लाइनों के लिए फ्री और ऑपेन एक्सेस पर निर्भर हैं.
वहीं, भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि 4 जून 2020 को पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल लीडर्स समिट के दौरान हमारे प्रधानमंत्रियों ने हमारे संबंधों को एक व्यापक, रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की. ये टू-प्लस-टू प्रारूप उस शिखर सम्मेलन का प्रत्यक्ष परिणाम है.
ऑस्ट्रेलिया के साथ टू-प्लस-टू मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने अफगानिस्तान, हिंद प्रशांत में समुद्री सुरक्षा, बहुपक्षीय स्वरूपों में सहयोग और अन्य संबंधित विषयों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया. उन्होंने कहा कि हमने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर मंत्री पायने और डटन के साथ गहन चर्चा की. हमने रक्षा सहयोग और वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई सहित व्यापक सहयोग के लिए विभिन्न संस्थागत फ्रेमवर्क पर चर्चा की.
भारत और ऑस्ट्रेलिया ने शनिवार को रक्षा एवं विदेश मंत्रालय स्तर की टू-प्लस-टू वार्ता का मकसद भूराजनीतिक उथलपुथल के बीच दोनों देशों के बीच संपूर्ण रक्षा एवं सामरिक सहयोग को और बढ़ाना है. घटनाक्रम से परिचित लोगों का कहना है कि दोनों पक्षों ने हिन्द प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के मद्देनजर उत्पन्न स्थिति सहित सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के अपने समकक्ष डटन के साथ शुक्रवार को विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा की, वहीं जयशंकर ने विदेश मंत्री पायने से टू-प्लस-टू वार्ता से ठीक पहले मुलाकात की. दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने वार्ता में अफगानिस्तान में नाजुक सुरक्षा हालात पर चर्चा की और तालिबान शासित अफगानिस्तान से आतंकवाद फैलने की आशंका से संबंधित साझा चिंताओं के बारे में बात की.