नयी दिल्ली : 1962 में चीन के खिलाफ युद्ध में भारत की शर्मनाक हार के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जिम्मेदार थे. ऐसा दावा किया गया है हेंडरसन ब्रुक्स की रिपोर्ट में, जिसका ज्यादातर हिस्सा अभी तक भारत में सार्वजनिक नहीं हुआ था.
रिपोर्ट के मुताबिक, नेहरू के अलावा उस वक्त के कई वरिष्ठ अधिकारी भी इस हार के लिए जिम्मेदार थे. भारत-चीन युद्ध हुए करीब 50 साल बीत गये हैं, पर रिपोर्ट अब सामने आयी है. इस रिपोर्ट को ऑस्ट्रेलिया के वॉर जर्नलिस्ट नेवल मैक्सवेल ने इंटरनेट पर अपलोड किया है. हालांकि मैक्सवेल द्वारा जारी किये गये रिपोर्ट के अंशों में कोई बड़ा खुलासा नहीं है.
इसमें कहा गया है कि किस तरह सेना को एक हारी हुई लड़ाई को चुनौती देने का आदेश दे दिया गया था.मैक्सवेल 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान वॉर जर्नलिस्ट थे और दिल्ली में कार्यरत थे. हैंडरसन ब्रुक्स रिपोर्ट के अधिकतर अंशों को भारत सरकार ने गुप्त बनाये रखा है.
* ऐसे समय में आयी रिपोर्ट : इस रिपोर्ट को ऐसे समय में आम किया गया है जब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा चुनाव प्रचार को लेकर अरु णाचल प्रदेश के दौरे पर हैं. करीब 50 साल बाद बोतल से निकला इस रिपोर्ट का जिन्न चुनावी मुद्दा भी बन सकता है. हालांकि मैक्सवेल ने इस रिपोर्ट को जारी करते हुए कहा कि इस रिपोर्ट को सार्वजनिक न करने की पीछे की वजह बस पॉलिटिकल नजर आती है.
* भाजपा के लिए मौका : भाजपा एक माह तक चले इस युद्ध में हार के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के फैसलों पर उंगली उठाने वाली इस रिपोर्ट को लंबे समय से सार्वजनिक करने की मांग करती रही है. पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी इस पर बयान दे चुके हैं. रक्षा मंत्री एके एंटनी भी इस रिपोर्ट के लेकर संसद में बयान दे चुके हैं. भाजपा की इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग को उन्होंने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इसमें संवेदनशील जानकारी है.