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खोबरागडे घटनाक्रम ‘अत्यंत कष्टप्रद’, इसे बंद करने का समय:खुर्शीद

नयी दिल्ली : राजनयिक देवयानी खोबरागडे से संबंधित घटनाक्रम को ‘‘अत्यंत कष्टप्रद’’ करार देते हुए विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने आज कहा कि मुद्दे को ‘‘बंद’’ कर दिया जाना चाहिए और इसके लिए अमेरिका को कोई ‘‘राजनीतिक समाधान’’ निकालना चाहिए. यह जिक्र करते हुए कि इस बारे में ‘‘व्यावहारिक विचार’’ हो रहा है और जब […]

नयी दिल्ली : राजनयिक देवयानी खोबरागडे से संबंधित घटनाक्रम को ‘‘अत्यंत कष्टप्रद’’ करार देते हुए विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने आज कहा कि मुद्दे को ‘‘बंद’’ कर दिया जाना चाहिए और इसके लिए अमेरिका को कोई ‘‘राजनीतिक समाधान’’ निकालना चाहिए. यह जिक्र करते हुए कि इस बारे में ‘‘व्यावहारिक विचार’’ हो रहा है और जब कुछ इस तरह का घटनाक्रम होता है तो भारत चिंता किए बिना नहीं रह सकता. उन्होंने कहा कि अदालत द्वारा पहले अभियोग को खारिज किए जाने से अमेरिकी प्रशासन को इसे पीछे छोड देने का अवसर मिला था. विदेश मंत्री ने सवाल उठाया कि वे ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं.

खुर्शीद ने कहा, ‘‘यहां तक कि सबसे खराब समय में भी, मैंने बार-बार बयान दिए कि यद्यपि जो कुछ हुआ है, वह अत्यंत कष्टप्रद है और हम मानते हैं कि जो कुछ हुआ है, वह गलत है तथा इसे और आगे नहीं ले जाना चाहिए, फिर भी इसका असर हमारे संबंधों पर नहीं पडना चाहिए. लेकिन व्यावहारिक विचार हो रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब भी इस तरह का कुछ घटित होता है तो हम चिंता किए बिना नहीं रह सकते. हमें अपने संबंधों को अक्षुण्ण रखने और असल में इन्हें मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता के समय व्यावहारिक जटिलताओं को संतुलित करना होगा.’’खुर्शीद से देवयानी खोबरागडे पर वीजा फर्जीवाडे और अपनी नौकरानी को ‘‘अवैध रुप से’’ कम वेतन देने तथा उसका ‘‘शोषण’’ करने के आरोप में अमेरिका द्वारा दोबारा अभियोग लगाए जाने के बारे में पूछा गया. कल देवयानी के खिलाफ दोबारा से दायर अभियोग अमेरिकी अदालत द्वारा पूर्व के अभियोग को खारिज कर दिए जाने के एक दिन बाद आया.

खुर्शीद ने कहा कि ‘‘कुल मिलाकर इसका एक प्रभाव है तथा यहां लोग काफी आहत हुए हैं. अदालत द्वारा अभियोग को खारिज कर दिए जाने से आपको इसे पीछे छोड देने का एक मौका मिला था, तो हम ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं..उन्हें कोई राजनीतिक समाधान ढूंढना चाहिए.’’ मुद्दे पर अपने अमेरिकी समकक्ष जॉन केरी के साथ बैठक का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले ही सहमत हो चुके हैं कि दोनों पक्ष छूट और विशेषाधिकार के मुद्दे को देखने के लिए बैठक करेंगे, ताकि भविष्य में कोई दिक्कत नहीं हो. जब आप यह चाहते हैं कि भविष्य में कोई दिक्कत नहीं हो तो बेहतर यही होगा कि जो कुछ हुआ है, उसे पीछे छोड दिया जाए.’’

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