नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नक्सल प्रभावित दस राज्यों में नक्सलरोधी अभियानों की रणनीति के तहत सड़क, संचार और सूचनाओं के आदान प्रदान में सामंजस्य के फार्मूले को लागू करना शुरू कर दिया है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में पिछले सप्ताह नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में नक्सलरोधी अभियानों […]
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नक्सल प्रभावित दस राज्यों में नक्सलरोधी अभियानों की रणनीति के तहत सड़क, संचार और सूचनाओं के आदान प्रदान में सामंजस्य के फार्मूले को लागू करना शुरू कर दिया है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में पिछले सप्ताह नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में नक्सलरोधी अभियानों की नयी रणनीति को लागू करने के लिये राज्यों को भेजे गये आंतरिक नोट में संसाधनों के सामंजस्य पूर्ण इस्तेमाल पर जोर दिया गया है.
सूत्रों के अनुसार बैठक में भविष्य के लिये नक्सलरोधी अभियानों की निगरानी के लिये केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता वाली नवगठित केंद्र राज्य समिति ने संशोधित रणनीति को लागू करने की कार्ययोजना बना ली है. इसमें स्थानीय पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के बीच संचार और सूचनाओं के आदान प्रदान में सामंजस्य कायम करने के लिये पुलिसकर्मियों की कमी को दूर करने को कहा गया है. इसके लिये नक्सल हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित 35 जिलों में पुलिसकर्मियों की कमी पर गृह मंत्रालय ने चिंता जाहिर करते हुये संबद्ध राज्य सरकारों से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को कहा है.
नक्सलरोधी अभियान की रणनीति के तहत सुरक्षादस्ते में राज्य पुलिस की कम से कम एक तिहाई हिस्सेदारी सुनिश्चित करना प्राथमिक शर्त है. मंत्रालय द्वारा राज्यों को भेजे नोट के मुताबिक दुर्गम इलाकों में राज्य पुलिस के दस्ते को ही स्थानीय परिस्थितियों से अवगत होने के कारण अग्रिम मोर्चे पर मुस्तैद रखने की रणनीति को लागू करने की बात कही गयी है. इसके लिये राज्य सरकारों से पुलिसकर्मियों की कमी को दूर करने के लिये तत्काल भर्ती करने को कहा गया है जिससे केंद्रीय सुरक्षा बलों से इन्हें जरुरी प्रशिक्षण देकर अभियानों में लगाया जा सके.
इस बीच छत्तीसगढ़ में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने हाल ही में स्थानीय पुलिस के अग्रिम दस्ते के अभाव को देखते हुये नक्सलरोधी अभियानों में हिस्सा लेने से मना कर दिया. इसके मद्देनजर गृह मंत्रालय की ओर से सभी संबद्ध राज्य सरकारों को जिला स्तर पर पुलिसकर्मियों की कमी को दूर करने को कहा गया है.