जम्मू: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवादी संगठन लश्करे तैयबा (एलइटी) के एक मॉड्यूल का भंडोफोड़ करने का शनिवार को दावा किया जो चिनाब घाटी में उग्रवाद को पुनर्जीवित करने के प्रयास में है. पुलिस ने एक एसपीओ और टेरीटोरियल आर्मी के एक पूर्व कर्मी सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है. मॉड्यूल जम्मू-कश्मीर के डोडा-किश्तवाड़-रामबन क्षेत्र में उग्रवाद को पुनर्जीवित करने के लिए काम कर रहा था.
जम्मू जोन के पुलिस महानिरीक्षक एसडीएस जामवाल ने संवाददाताओं से कहा कि डोडा में आठ मई को एक पुलिस चौकी पर हमले के बाद गठित विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने ये गिरफ्तारियां कीं. आठ मई को हुए हमले में एक एसपीओ मारा गया और दूसरा जख्मी हो गया था. आइजी ने ब्योरा देते हुए कहा कि खुफिया जानकारी के आधार पर एसआइटी ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया और इसके बाद तांता के रहनेवाले अब्दुल राशिद हारगा उर्फ अब्दुल्ला को गिरफ्तार किया गया. राशिद 2001 से 2008 के बीच लश्कर का सक्रिय सदस्य था और बाद में उसने आत्मसपर्मण कर दिया. उसे फिर 2013 में गिरफ्तार किया गया और 2016 में जेल से रिहा कर दिया गया.
आइजी ने कहा, ‘लगातार पूछताछ में राशिद ने डोडा गोलीबारी घटना में संलिप्तता स्वीकार की और अपने दो सहयोगियों छोटे भाई शौकत अली तथा तांता के अख्तर मागरी के नामों का खुलासा किया.’ उनसे पूछताछ के बाद चार और व्यक्तियों टेरीटोरियल आर्मी के पूर्व सदस्य बशीर अहमद, उसके भतीजे और एसपीओ अल्ताफ अहमद, शफाकत हुसैन और हाफिज को गिरफ्तार किया गया. आइजी ने कहा कि उनके पास से एक एके- 47 राइफल और तीन मैगजीन तथा गोलियां बरामद की गयीं.