लखनऊ: चुनावी वर्ष में अपने कार्यकाल के दो साल पूरे कर रही उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी :सपा: सरकार के लिये यह अवधि लखनऊ मेट्रो, आईटी सिटी जैसे अवस्थापना तथा अन्य क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों की गवाह रही, वहीं मुजफ्फरनगर में हुए दंगे तथा उनकी विभीषिका और दुर्गाशक्ति नागपाल निलम्बन प्रकरण उसके लिये परेशानी का कारण बने.
विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत के साथ 15 मार्च 2012 को सत्तारुढ़ हुई सपा की नजर में इन दो वर्षो में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भविष्य में खुद को ‘विकास पुरुष’ के रुप में याद किये जाने की पुख्ता जमीन तैयार कर ली है, वहीं विपक्ष अखिलेश सरकार को हर मोर्चे पर विफल मानता है. सपा के प्रान्तीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि महज दो साल के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में मेट्रो, आईटी सिटी और नये बिजली कारखानों के निर्माण की शुरुआत के अलावा छात्र-छात्राओं को मुफ्त लैपटाप, बेरोजगारी भत्ता योजना, कौशल विकास कार्यक्रम, लड़कियों को पढ़ाई जारी रखने में मदद के लिये ‘हमारी बेटी, उसका कल’ योजना जैसे क्रांतिकारी कदम उठाकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भविष्य में खुद को ‘विकास पुरुष’ के रुप में याद किये जाने का आधार तैयार कर लिया है.
उन्होंने कहा कि दो साल में हुए बुनियादी कार्यो का असर आने वाले एक-दो साल में नजर आयेगा और तब लोग सपा सरकार की दूरदर्शितापूर्ण योजनाओं और कार्यो का मूल्यांकन करेंगे. चौधरी ने कहा कि सरकार ने अद्वितीय इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए लखनऊ मेट्रो परियोजना की शुरुआत कर दी है जो दो-तीन साल में मुकम्मल हो जाएगी. इसके अलावा लखनउ में आईटी सिटी का शिलान्यास भी हो चुका है. इससे आने वाले वर्षो में प्रौद्योगिकी कौशल से लैस हजारों लोगों को नौकरी के लिये नोएडा और गुड़गांव नहीं जाना पड़ेगा. उन्हें लखनऊ में ही रोजगार मिलेगा.