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वाराणसी सीट:जोशी पड़े नरम,फिर भी संघ चिंतित

बेंगलुरु : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ पार्टी नेता मुरली मनोहर जोशी के बीच कथित वाराणसी विवाद पर जहां चिंता जतायी है, वहीं भाजपा ने विवाद को अहमियत नहीं दी. संघ महासचिव सुरेश भैयाजी जोशी ने संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की यहां हुई तीन […]

बेंगलुरु : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ पार्टी नेता मुरली मनोहर जोशी के बीच कथित वाराणसी विवाद पर जहां चिंता जतायी है, वहीं भाजपा ने विवाद को अहमियत नहीं दी. संघ महासचिव सुरेश भैयाजी जोशी ने संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की यहां हुई तीन दिवसीय बैठक के आखिरी दिन संवाददाताओं से कहा, हम चिंतित हैं…पर हमें लगता है कि उनके (भाजपा के) पास पर्याप्त अनुभव है, जिसे हम पहले भी कई बार देख चुके हैं. वे सक्षम हैं. वे समस्या का समाधान कर लेंगे.

भैयाजी जोशी ने कहा, इन चीजों के बारे में फैसले पार्टी करती है. यदि कोई व्यक्ति अपनी राय व्यक्त करना चाहता है तो इसमें कुछ गलत नहीं है. इस मुद्दे पर नजरिये को लेकर बार बार पूछे गये सवालों पर जोशी ने कहा, मैं ऐसे मुद्दों पर बाहर चर्चा नहीं करता. मैं जो कुछ कहता हूं, पार्टी के भीतर कहता हूं. उन्होंने कहा, पार्टी कोई ऐसा फैसला करेगी, जिससे न तो मोदी की प्रतिष्ठा पर आघात लगे और न ही पार्टी की ज्यादा सीटें लाने की संभावना पर कोई असर पड़े.

* बैठक में हुई तीखी बहस : वाराणसी से टिकट का मुद्दा शनिवार को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उठा था और इस पर कथित रूप से तीखी बहस हुई. सूत्रों ने कहा कि कुछ सदस्यों ने स्पष्टीकरण की मांग की कि क्या मुरली मनोहर जोशी को वाराणसी सीट छोड़नी होगी और मोदी वहां से चुनाव लड़ेंगे. समझा जाता है कि स्वयं मुरली मनोहर जोशी और वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने यह मुद्दा उठाया था.

* सुषमा का इनकार : उधर, सुषमा ने विदिशा में इस बात से इनकार किया कि इस मुद्दे पर पार्टी में कोई मनमुटाव है. उन्होंने कहा, मैं बैठक में मौजूद थी. उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीटों का विषय चर्चा के दौरान नहीं उठा जैसी कि मीडिया में खबर आयी है.

* जोशी के सुर बदले

दिल्ली में जोशी ने कहा कि पार्टी जो भी फैसला करेगी, वह उसे एक अनुशासित सिपाही की तरह मानेंगे. साथ ही, उन्होंने उम्मीद जतायी कि पार्टी के फैसले से न तो प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की प्रतिष्ठा कम होगी और न ही पार्टी की चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचेगा. पिछली बार वाराणसी सीट से चुनाव जीतने वाले मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति 13 मार्च को फैसला करेगी. उन्होंने मोदी और उनके समर्थकों के बीच वाराणसी में पोस्टर वार की खबरों को मीडिया की उपज बताया.

* युवा बढ़ें, संघ की चाहत

क्या लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं को चुनाव लड़ना चाहिए, इस बाबत संघ का रख पूछे जाने पर संघ के नेता ने कहा कि संघ पार्टी को निर्देश नहीं दे सकता, केवल भावना से अवगत करा सकता है. हालांकि उन्होंने कहा कि युवाओं को अवसर मिलने चाहिए ताकि वे अपनी उर्जा का इस्तेमाल राष्ट्र की सेवा में कर सकें. इसके साथ ही वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन का भी लाभ मिलना चाहिए.

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