नयी दिल्ली : उत्तर प्रदेश से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जगदंबिका पाल ने आज लोकसभा की अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और साथ ही कांग्रेस को भी अलविदा कह दिया. डुमरियागंज से सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, ‘‘मैंने आज लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया. खबर है कि जगदंबिका भाजपा का दामन थाम सकते है.
मैंने लोकसभा की सदस्यता से और साथ कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया है.’’ 65 वर्षीय जगदंबिका पाल ने कहा कि लंबे समय तक कांग्रेस में सेवा करने के बाद उन्हें कुछ समय से यह महससू हो रहा था कि वह अपनी राय और सुझाव रख पाने में सफल नहीं पा रहे हैं और नेतृत्व के साथ संपर्क की समस्या है.
उन्होंने इस बात को खारिज किया कि उन्होंने ऐन लोकसभा चुनाव के वक्त इसलिए इस्तीफा दिया क्योंकि कांग्रेस के टिकट पर अपनी सीट बरकरार रखना उनके लिए कठिन था. पाल ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में तीन विधानसभा चुनाव और एक लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीत चुके है, जहां पार्टी 1989 से सत्ता से बाहर है.
जगदम्बिका पाल ने कहा, ‘‘1989 के बाद से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में नहीं आयी है लेकिन मैं पार्टी में बना रहा, इसकी नीतियों का बचाव करता रहा. 65 साल की उम्र में जब मैं कांग्रेस छोड़ रहा हूं तो वह इसलिए नहीं कि मैं कुछ पाना चाहता हूं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन कुछ समय से मैंने यह महसूस किया और यह न सिर्फ मेरी राय है बल्कि अनेक दूसरे नेताओं की भी यही राय है कि हमारे जैसे वरिष्ठ नेताओं की अब कांग्रेस में कोई आवश्यकता नहीं रह गयी है.’’ जगदंबिका पाल ने राहुल गांधी का नाम लिये बगैर कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि कांग्रेस के उभरते हुए नेतृत्व को संभवत: मेरे जैसे वरिष्ठ नेताओं की जरुरत नहीं है. मेरे जैसे वरिष्ठ नेता अपनी बात नहीं कह पा रहे हैं अपने विचार रखने में सफल नहीं हो पा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि उनके सुझावों को नहीं सुना जा रहा है और उन्हें सम्मान नहीं दिया जा रहा. इसलिए मैंने, जो युवक कांग्रेस के दिनों से पार्टी में रहा हूं, पार्टी छोड़ने का निर्णय किया है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने स्वर्गीय इंदिरा गांधी के समय से लेकर सोनिया गांधी की अवधि तक पार्टी के लिए काम किया है लेकिन ‘‘समस्या’’ अब उत्पन्न हुई है.