मुंबई : बीएमसी चुनावों में भाजपा-शिवसेना गठबंधन टूटने के बाद एनसीपी नेता शरद पवार ने भाजपा को समर्थन देने के मूड में नजर आ रहे हैं. शरद पवार ने इस संबंध में कहा कि अगर बीएसमी चुनाव के बाद राज्य में भाजपा-शिवसेना की सरकार पर खतरा मंडराता है तो उनकी पार्टी भाजपा को समर्थन देने पर विचार कर सकती है. उन्होंने कहा कि दोनों पार्टी में खटास के चलते और भाजपा सरकार को बचाने के लिए अगर मदद मांगी जाती है तो वे इसके बारे में विचार किया जाएगा. पवार ने कहा कि भाजपा-शिवसेना 25 साल साथ थे. गठबंधन टूटने पर दर्द मुझे ज्यादा हो रहा है.
आपको बता दें कि इससे पहले गुरुवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया कि नगर निगम चुनावों में उनकी पार्टी अकेले उतरेगी लेकिन इस बारे में कुछ नहीं बताया कि राजग सरकार में उनका दल गठबंधन सहयोगी बना रहेगा या नहीं. इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भाजपा के साथ कोई भी रहे लेकिन राज्य में परिवर्तन आएगा. वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी.
उद्धव ने शिव सेना के कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करते हुए अपने आक्रामक भाषण में खाद्यी ग्रामोद्योग के कैलेंडर में महात्मा गांधी की तस्वीरें नहीं छापने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर प्रकाशित करने के मुद्दे को भी उठाया. उपनगर गोरेगांव में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की सभा को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा, कि मुझे भाजपा के किसी वरिष्ठ नेता का फोन नहीं आया. शिवसेना 50 साल पुरानी है. हालांकि गठबंधन (भाजपा के साथ) में हमारे समय के 25 साल सबसे खराब रहे. हमने हिंदुत्व के मुद्दे पर हमेशा आपकी (भाजपा) सराहना की. शिवसेना का जन्म सत्ता के लिए नहीं हुआ लेकिन अगर कोई भी शिवसेना को कमजोर आंकने की भूल करेगा तो हम उसे उखाड फेंकेंगे.
भाजपा पर शिवसेना का अपमान करने का आरोप लगाते हुए पार्टी प्रमुख ने कहा, कि आगामी निगम चुनावों में शिवसेना गठबंधन नहीं करेगी. हम अकेले दम पर महाराष्ट्र में भगवा फहराएंगे. केंद्र और महाराष्ट्र की राजग सरकारों में शिवसेना गठबंधन सहयोगी है वहीं बृहन्मुंबई महानगरपालिका में वह सत्तारुढ है. दो दशक से अधिक समय से निगम पर शिवसेना का भाजपा के साथ गठबंधन में कब्जा रहा है.