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अदालत ने बिन्नी की आप सदस्यता पर विस अध्यक्ष के पत्र पर रोक लगाई
नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज विधानसभा अध्यक्ष के उस पत्र पर रोक लगा दी जिसमें कहा गया था कि पार्टी से निष्कासित किए जाने के बावजूद विधायक विनोद कुमार बिन्नी आम आदमी पार्टी के सदस्य हैं. न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के जिस फैसले पर भरोसा करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने […]
नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज विधानसभा अध्यक्ष के उस पत्र पर रोक लगा दी जिसमें कहा गया था कि पार्टी से निष्कासित किए जाने के बावजूद विधायक विनोद कुमार बिन्नी आम आदमी पार्टी के सदस्य हैं. न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के जिस फैसले पर भरोसा करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि बिन्नी को सदन के पटल पर कार्यवाही के दौरान पार्टी लाइन का पालन करना होगा, वह उनपर लागू नहीं होगा.
अदालत ने कहा, ‘‘11 फरवरी 2014 की तारीख वाले दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष के पत्र पर सुनवाई की अगली तारीख तक रोक लगाई जाती है और जी विश्वनाथन का फैसला :जिसपर विधानसभा अध्यक्ष ने भरोसा किया: वह उनपर लागू नहीं होता है.’’ अदालत ने बिन्नी की याचिका पर विधानसभा अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी को नोटिस जारी किया और मामले पर अगली सुनवाई की तारीख चार मार्च को निर्धारित कर दी.
न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि चूंकि बिन्नी ने जो कानूनी सवाल उठाए हैं वह उच्चतम न्यायालय के पास विचाराधीन है इसलिए ‘‘इस अदालत की यह राय है कि (राहत के लिए) याचिकाकर्ता के अधिकार में कटौती नहीं की जानी चाहिए.’’ शीर्ष अदालत ने अमर सिंह और जया प्रदा के मामले में जी विश्वनाथन मामले में दिए गए अपने फैसले पर रोक लगा रखी है.
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