नयी दिल्ली : भाजपा के सहयोग से लोकसभा में आज तेलंगाना विधेयक पारित होने से खुश विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने आज कहा कि इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए ‘सोनियाम्मा’ के साथ ‘चिन्नम्मा’ (सुषमा) को नही भूलें.
तेलंगाना विधेयक पारित होने का स्वागत करने के साथ ही सुषमा ने कांग्रेस द्वारा भाजपा पर लगाये गए ‘‘दोहरी चाल चलने’’ के आरोपों पर गहरी आपत्ति व्यक्त की और सत्तारुढ़ पार्टी को याद दिलाया कि भाजपा के समर्थन के बिना यह विधेयक पारित ही नहीं हो सकता था. मुख्य विपक्षी पार्टी ने कहा कि राज्यसभा में विधेयक के आने पर भाजपा इसमें संशोधन पेश करेगी. लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ लोकसभा में यह विधेयक पारित हुआ यह स्वागतयोग्य एवं ऐतिहासिक घटनाक्रम है. लेकिन इस पर हमारे इतने समर्थन के बावजूद वे :कांग्रेस: जिस तरह की बात कह रहे हैं, वह ठीक नहीं है.’’
इससे पहले लोकसभा में भाजपा के सहयोग से विधेयक के पारित होने पर सुषमा ने कहा, ‘‘ विधेयक पारित होने के बाद , आप सोनिया गांधी को श्रेय दे रहे हैं लेकिन ‘सोनियाअम्मा के साथ ‘चिन्नमम्मा ’’ (छोटी मां) को नहीं भूलें.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमने श्रेय लेने के लिए कुछ भी नहीं किया बल्कि यह हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता थी. हमें कांग्रेस की मंशा का पहले से पता था कि वे चुनावी फायदे के लिए ऐसा कर रही है फिर भी हमने प्रतिबद्धता के कारण इसका समर्थन किया. अब श्रेय किसे मिलेगा यह इतिहास तय करेगा.’’ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘ क्या भाजपा के समर्थन के बिना यह विधेयक पारित हो सकता था ? अगर भाजपा समर्थन नहीं करती तब क्या कांग्रेस चाहकर भी इस विधेयक को पारित करा सकती थी ?.
संसदीय कार्य मंत्री के भाजपा के ‘दोहरी चाल (डबल गेम)’ खेलने के बारे में पूछे जाने पर सुषमा ने कहा, ‘‘ डबल गेम कमलनाथ का तकिया कलाम बन गया है. वे अपने दोनों हाथों में लड्डू रखना चाहते हैं. कांग्रेस डबल गेम खेल रही है.’’ सुषमा ने दावा किया कि आज सुबह तक यह बात चल रही थी कि शिंदे विचार करने के लिए प्रस्ताव पेश करेंगे और बाद में हंगामे का बहाना बना कर इसे पारित नहीं कराने का ठीकरा भाजपा के सिर फोड़ देंगे. उन्होंने कहा, ‘‘ उनका खेल उस समय बिगड़ गया जब भाजपा ने विधेयक के समर्थन की बात कही. उन्हें समझ ही नहीं आया कि अब क्या करें. उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा था.’’
आडवाणी के विधेयक के समर्थन में नहीं होने और विधेयक की आलोचना करने के अपने उपर लगाये गए कांग्रेस के आरोपों के बारे में सुषमा ने कहा, ‘‘ हमने विधेयक का विरोध नहीं किया. हमने कहा था कि विधेयक के एक उपबंध में राज्यपाल को कानून एवं व्यवस्था संबंधी अधिकार दिये गए हैं जिसके बारे में हमने संविधान संशोधन की सुझाव दिया था. क्योंकि हमारा मानना था कि यह साधारण कानून से नहीं हो सकता है. हमने इस संविधान संशोधन का समर्थन करने की बात भी कही थी. हमने केवल विधेयक में कानूनी कमी की आलोचना की थी.’’ उन्होंने कहा कि विधेयक में तेलंगाना के साथ सीमांध्र क्षेत्र के लोगों की भावनाओं का भी ध्यान रखा जाना चाहिए. तेलंगाना और रायलसीमा क्षेत्र के घाटे की भरपायी के लिए केंद्र को बजट की व्यवस्था करनी चाहिए, साथ ही शैक्षणिक संस्थाओं के विकास के संबंध में योजना का खाका पेश करने के साथ पोलावरम परियोजना पर चिंताओं को दूर किया जाना चाहिए.
सुषमा ने कहा कि ऐसे समय में जब सभी पार्टियां तेलंगाना मुद्दे पर बंटी हुई है तब भाजपा इस पर एकजुट है. पार्टी लाइन आडवाणीजी के घर पर तय हुई थी और इस पर सभी नेताओं की सहमति है. विधेयक पारित कराते समय जिस तरह के दृश्य देखने को मिले. आडवाणीजी उससे दुखी थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपना घर दुरुस्त करना चाहिए. कांग्रेस अध्यक्ष और प्रधानमंत्री की उपस्थिति में सरकार के मंत्री और पार्टी के सदस्य आसन के समीप आकर हंगामा करते हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष की पार्टी पर पकड़ ढीली पर गई है?