अहमदाबाद : साल 2004 के इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी एक निलंबित आईपीएस अधिकारी ने यहां विशेष अदालत से आज जमानत मांगी. मामले में जांच कर रही सीबीआई निलंबित अधिकारी की गिरफ्तारी के 90 दिन के भीतर आरोपपत्र दाखिल नहीं कर सकी.
सीबीआई ने आईपीएस अधिकारी जी एल सिंघल को 21 फरवरी को गिरफ्तार किया था और अगले दिन अदालत में पेश किया था. सिंघल ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एस एच खुटवाड़ की विशेष सीबीआई अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की और सुनवाई कल होने की संभावना है.
वकील ब्रजराज सिंह झाला के माध्यम से दाखिल आवेदन में सिंघल ने दलील दी कि 22 मई को आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 167 (2) के तहत 90 दिन की अवधि पूरी हो गयी है और इस अवधि में सीआरपीसी की धारा 173 (2) के तहत अपेक्षित कोई रिपोर्ट, चालान या आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है. सिंघल इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में गिरफ्तार किये गये गुजरात के पहले पुलिस अधिकरी थे.
गुजरात सरकार द्वारा खुद को बचाने के लिए कुछ नहीं किये जाने से निराश दिखे सिंघल ने 2 मार्च को भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया था. सीबीआई ने इस मामले में सिंघल के अलावा गुजरात पुलिस के पांच और अधिकारियों को गिरफ्तार किया है जिनमें तरुण बारोट, जे जी परमार, भारत पटेल, एन के अमीन और अनाजू चौधरी हैं.