नयी दिल्लीः राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने तेलंगाना विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसे कल संसद में पेश किए जाने की संभावना है. गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने आज रात बताया कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ गृह मंत्रालय को वापस भेजा गया है. विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन राज्य विधानसभा ने अस्वीकार कर दिया.
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘विधेयक को शायद कल राज्यसभा में पेश किया जाएगा.’’ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आंध्र प्रदेश का बंटवारा करके तेलंगाना राज्य के गठन से जुड़े विधेयक के मसौदे को शुक्रवार को मंजूरी दे दी.इस विधेयक को राज्यसभा में पेश करके सरकार लोकसभा के भंग होने के बाद की स्थिति में भी इसे बनाए रखना चाहती है. वह विधेयक जो उच्च सदन में पेश किए जाते हैं, लेकिन उसके द्वारा मंजूर नहीं हो पाते वे ‘‘बने रहते हैं.’’ सूत्रों ने बताया कि यह विवादित विधेयक उसी रुप में पेश किया जाएगा, जिस रुप में इसे आंध्र प्रदेश विधानसभा में भेजा गया था और जब इसे विचार के लिए लिया जाएगा तो सरकार के इसपर 32 संशोधन पेश करने की संभावना है
प्रस्तावित विधेयक में मांग के बावजूद हैदराबाद को केंद्र शासित क्षेत्र का दर्जा देने का प्रावधान नहीं है, लेकिन सरकार रायलसीमा और उत्तरी तटीय आंध्र के लिए विशेष पैकेज का ऐलान करेगी ताकि वहां की जनता की चिंताओं को दूर किया जा सके.केबिनेट ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक को एक विशेष बैठक के बाद मंजूरी दी, जिसके बाद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक हुई.
15वीं लोकसभा का मौजूदा सत्र चुनाव से पहले का अंतिम सत्र है और सरकार इस विधेयक पर इसी सत्र में बहस और मंजूरी चाहती है. सरकार ने आंध्र प्रदेश विधानसभा द्वारा इस विधेयक को नामंजूर किए जाने के बावजूद इसपर आगे बढ़ने का फैसला किया है. आंध्र प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और पार्टी के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी राज्य के बंटवारे के विरोध में विपक्ष के साथ खड़े हैं.