नयी दिल्ली : दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जनलोकपाल विधेयक पर कांग्रेस से बढ़ती रार के बीच कहा है कि वह अपदस्थ होने की कोशिश नहीं कर रहे. आम आदमी पार्टी के नेता ने धमकी दी है कि यदि जनलोकपाल बिल विधानसभा में पास न हुआ, तो वह इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने इसके लिए गृह मंत्रालय की पूर्व मंजूरी लेने से मना कर दिया है, जैसा कि कांग्रेस मांग कर रही है.
लोकसभा चुनाव से पहले इस्तीफा देने की मीडिया की अटकलों पर अरविंद ने शनिवार को कहा था कि यह गलत धारणा है. उन्हें अपनी सरकार की चिंता नहीं है. यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस के किसी भी समय समर्थन वापस लेने की बात से परेशान हैं, तो सीएम ने कहा, ह्ययदि कांग्रेस को परेशानी है, तो समर्थन क्यों दे रहे हैं?ह्ण अपने कुछ कार्यों से कांग्रेस को समर्थन वापस लेने के लिए उकसाने की धारणा पर कहा, मैं ऐसा क्यों करूंगा? उन्हें पता है कि हम यह करेंगे. उन्हें लगता है कि हम पिछली सरकार के भ्रष्टाचार की फाइलें नहीं खोलेंगे, उनकी जांच नहीं करेंगे, तो यह उनकी गलती है. उन्हें नहीं पता कि किसे समर्थन दे रहे हैं. सीएम ने कहा कि वह, उनके सहकर्मी देश को भ्रष्टाचार से छुटकारा दिलाने राजनीति में आये हैं. उनके अधिकतर कर्मचारी प्रतीक के तौर पर एक रुपया वेतन ले रहे हैं.
* जंग ने मांगी कानून मंत्रालय की राय : उपराज्यपाल नजीब जंग ने केंद्रीय कानून मंत्रालय से पूछा है कि दिल्ली विधानसभा में जनलोकपाल बिल पेश करने से पहले राज्य के लिए केंद्र से अनुमति लेना जरूरी है या नहीं. वहीं मुंडका से निर्दलीय विधायक रामबीर शौकीन ने दिल्ली सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने चार फरवरी को उन्हें आश्वस्त किया था कि जनता से जुड़े सभी विषयों पर एक सप्ताह में काम शुरू होगा, पर कुछ नहीं हुआ.
* दिल्ली के सीएम धमकी दे रहे हैं कि इस्तीफा दे देंगे. इसके लिए धमकी देने की जरूरत नहीं है. उन्हें केवल पत्र ही लिखना है. प्रकाश जावड़ेकर, प्रवक्ता, भाजपा