नयी दिल्ली : क्या अरविंद केजरीवाल सरकार के दिन अब गिने-चुने रह गए हैं? ऐसा लग रहा है कि लोकपाल बिल के बहाने केजरीवाल अपनी सवा महीने पुरानी सरकार को दांव पर लगाने का मन बना चुके हैं.सियासी गलियारों में भी इसकी चर्चा जोरो पर है. सरकार से जुड़े लोग भी ऐसी चर्चाओं को हवा देने में लगे हुए हैं. आम आदमी पार्टी की सरकार और इसको समर्थन दे रही कांग्रेस के बीच सीधे टकराव के तौर पर देखा जा रहा है.
लोकपाल बिल को बगैर उपराज्यपाल व केंद्र की मंजूरी के विधानसभा में पेश करने की तैयारियों को असंवैधानिक करार देते हुए कांग्रेस ने इसके समर्थन से साफ इन्कार कर दिया है. दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग भी सरकार के इस कदम से सहमत नहीं हैं. केजरीवाल सरकार की ओर से अब उपराज्यपाल से भी दो-दो हाथ करने की तैयारी में है. मीडिया से आम आदमी पार्टी में शामिल होने वाले आशुतोष सिंह ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल को कांग्रेस का एजेंट बता दिया.
इधर लोकसभा चुनाव सामने हैं और केजरीवाल सरकार सदन में शहीद होकर दिल्ली के लोगों से यह कह सकती है कि वह बेहतर काम करना चाहती है लेकिन भ्रष्टाचार को रोकने की उसकी कोशिशों को कांग्रेस का साथ नहीं मिल रहा. केजरीवाल इस मुद्दे को लेकर लोगों से वोट की मांग करने वाले हैं.