नयी दिल्ली: पूरे देश में सार्वजनिक पुस्तकालय के संसाधन एवं सामग्रियों को अब इंटरनेट पर एक बटन क्लिक करके देखा जा सकता है. संस्कृति मंत्रालय एक आनलाइन पोर्टल पेश करने जा रहा है जहां साहित्य और टाइटल डिजिटल रुप में उपलब्ध होंगे.
राष्ट्रीय पुस्तकालन मिशन (एनएमएल) के तहत देश के 34 हजार पुस्तकालों को इस पहल के दायरे में लाया जा रहा है. इसके माध्यम से आम लोग आनलाइन माध्यम से डिजिटल सामग्री और पुस्तकों को ढूंढ सकेंगे. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तीन फरवरी को राष्ट्रपति भवन में एनएमएन पेश करेंगे.संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त सचिव जे श्रीनिवास ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ इस वेबसाइट के जरिये भारत में पुस्तकालय पंजीकरण कराने के बाद एनएमएल के तहत कोष प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगा.’’उन्होंने कहा कि 2016.17 तक एनएमएल पूर्ण रुप से लागू होने के बाद पाठकों की संख्या में काफी इजाफा होगा.
एनएमएल के तहत नेशनल वचरुअल लाइब्रेरी आफ इंडिया (एनवीएलआई) का सृजन करने का इरादा किया गया है. कोलकाता स्थित राजा राम मोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन को एनएमएल लागू करने के लिए शीर्ष एजेंसी बनाया गया है.