मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने आज एक सामाजिक कार्यकर्ता से इस बात की आज सफाई मांगी कि कि उसकी उस शिकायत का क्या आधार बनता है जिसमें उसने बालीवुड अभिनेता सलमान खान के खिलाफ इसके लिए अदालत की अवमानना की कार्रवाई की मांग की कि उन्होंने अपने खिलाफ चल रहे मामलों में अदालत के आदेश अपनी वेबसाइट पर डाल दिए. सलमान के वकील निरंजन मुंदागरगी ने इस शिकायत और उपनगरीय बांद्रा में मजिस्ट्रेट की अदालत में लंबित कार्यवाही खारिज करने की मांग की. उन्होंने दलील दी कि अदालत के आदेश को वेबसाइट पर डालना न्यायालय की अवमानना नहीं है.
हालांकि न्यायमूर्ति साधना जाधव ने सलमान के वकील से कहा कि चूंकि मजिस्ट्रेट की अदालत में कार्यवाही लंबित नहीं है, ऐसे में उसे खारिज करने का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने उनसे याचिका वापस लेने या फिर बांद्रा के मजिस्ट्रेट पर राहत के लिए दबाव बनाने को कहा. उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों के वकीलों से 17 फरवरी को इस बारे में बयान देने को कहा कि क्या वे चाहते हैं कि मामला जारी रखा जाए. उसके बाद न्यायाधीश उस दिन उपयुक्त आदेश जारी करेंगे.