नयी दिल्ली : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता को झटका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज उन्हें और उनकी सहयोगी एस शशिकला को वर्ष 1991 से 94 के दौरान आयकर रिटर्न न भरने के तीन मामलों में आरोपमुक्त करने से इनकार कर दिया और सुनवाई पूरी करने के लिए चार माह की समय सीमा तय कर दी.
न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन की अगुवाई वाली पीठ ने जयललिता और शशिकला की मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी. मद्रास उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ कार्यवाही रद्द करने से मना कर दिया था. निचली अदालत को उनके खिलाफ सुनवाई के लिए आगे बढ़ने को कहते हुए उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई पर रोक के आदेश पर लगी रोक हटा ली और निचली अदालत को सुनवाई चार माह में पूरी करने का आदेश दिया.
आयकर विभाग ने वर्ष 1996-97 में जयललिता, शशिकला और सासी इंटरप्राइजेज के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरु की थी. यह कार्यवाही वर्ष 1991-92, 1992-93 और 1993-94 में आयकर रिटर्न दाखिल न करने की वजह से शुरु की गई. जयललिता और शशिकला सासी इंटरप्राइजेज में साझेदार थीं. निचली अदालत ने उनका आरोपमुक्त करने का आग्रह खारिज कर दिया और उच्च न्यायालय ने 2006 में दी गई अपनी व्यवस्था में इसे बरकरार रखा था. इसके बाद उच्च न्यायालय के फैसले के विरोध में उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिकाएं दाखिल की गई थीं.