मुंबई : नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार की बेटी और पार्टी नेता सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र महिला आयोग की सदस्य आशा मिर्जे का बचाव किया है. शारीरिक शोषण के लिए महिलाओं के पहनावा और व्यवहार को जिम्मेदार ठहराने वाले मिर्जे के बयान का बचाव करते हुए सुप्रिया ने कहा कि मिर्जे एक दादी मां (ग्रांडमदर) की तरह से बात रही थी, इस तरह की सलाह हमारी संस्कृति का हिस्सा है. सुप्रिया ने कहा कि मिर्जे स्वयं गैंगरेप पीड़िताओं के पुनर्वास के लिए काम करती रही हैं और अपने बयान के लिए माफी भी मांग चुकी हैं.
उन्होंने कहा किलड़कियों की ‘‘बॉडी लैंग्वेज’’ ऐसी नहीं होनी चाहिए कि संभावित बलात्कारियों का ध्यान उन पर जाए. उनके इस सवाल से भी विवाद उठा कि दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई लड़की देर रात को फिल्म देखने क्यों गई थी. राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ आशा मिरगे ने कल यहां कहा ‘‘इस बारे में लड़कियों को बहुत सावधान रहना चाहिए कि वह क्या पहन रही हैं और कब शहर में बाहर जा रही हैं. उनकी ‘बॉडी लैंग्वेज’ ऐसी नहीं होनी चाहिए कि सड़कों पर घूम रहे संभावित बलात्कारियों का ध्यान उन पर जाए.
’’नई दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में 23 वर्षीय लड़की से सामूहिक बलात्कार तथा मुंबई में पिछले साल एक फोटो पत्रकार के साथ हुई ऐसी ही घटना का जिक्र करते हुए मिरगे ने सवाल किया ‘‘दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई निर्भया को देर रात को पिक्चर देखने क्यों जाना चाहिए था. इसी तरह मुंबई में फोटो पत्रकार को शाम 6 बजे शक्ति मिल की सुनसान जगह पर क्यों जाना चाहिए था. ’’ . मिरगे ने कहा ‘‘लड़कियों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए. ’’
पेशे से स्त्री रोग विशेषज्ञ मिरगे राकांपा से भी जुड़ी हैं. उन्होंने कल राकांपा की युवा शाखा के एक समारोह में जब यह टिप्पणियां कीं तब मंच पर राकांपा सांसद सुप्रिया सुले भी थीं. राज्य महिला आयोग की सदस्य ने लड़कियों से अपने परिधान संबंधी बोध :ड्रेसिंग सेंस: और केश सज्ज (हेयर स्टाइल) को लेकर आत्मावलोकन करने को भी कहा. बहरहाल, बाद में उन्होंने अपने बयानों के लिए माफी मांगी और मांग की कि बलात्कार के मामलों में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.