नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाय की सुरक्षा के नाम पर हिंसा करनेवालों पर तीखी टिप्पणी की जिसके बाद हिंदू महासभा भड़क गई है. गाय के नाम पर देश में जारी राजनीति के ग्यारह महीने बाद पहली बार प्रधानमंत्री कुछ बोले हैं लेकिन उनके इस बयान के बाद कुछ लोग उनके विरोध में खड़े हो गए हैं.
गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी की बात सामने आने के बाद हिंदू महासभा की पहली प्रतिक्रिया आई है. अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय महासचिव ने इस मामले में कहा है कि अगर गौ रक्षा में कुछ घटनाएं हो जाती हैं तो मारपीट करने वालों को जेल भी जाना पड़ता है. लेकिन 70-80 फीसदी लोगों को अपराधी कहना बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा कि 2014 के चुनाव में मोदी ने गौ हत्या पर रोक लगाने का वादा किया था, लेकिन गौ हत्या उसके बाद और बढ़ गयी है. उन्होंने कहा कि अगर एक भी गौ रक्षक गिरफ्तार हुआ तो हम इसका कड़ा विरोध करेंगे. मोदी संसद में ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं.
आपको बता दें कि अपनी सरकार की ‘माई गवर्नमेंट’ पहल की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर शनिवार को टाउन हॉल स्टाइल (सार्वजनिक चर्चा)संबोधन में पीएम ने ऐसे लोगों को असामाजिक तत्व बताया और कहा कि ऐसे लोग गो सेवक नहीं हो सकते हैं. सिर्फ गाय की रक्षा के नाम पर दुकान चला रहे हैं. उन्होंने राज्य सरकारों को सलाह दी कि तथाकथित गाय रक्षकों पर दस्तावेज तैयार करें, क्योंकि उनमें से 80 फीसदी रात में अवैध गतिविधियां करते हैं और दिन में गाय के हिमायती बन जाते हैं. इस तरह का सहायता समूह चलाने का यह मतलब नहीं है कि दूसरों का उत्पीड़न किया जाये.
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि गायों का वध किये जाने से ज्यादा संख्या में प्लास्टिक खाने से उनकी मृत्यु होती है. जो लोग जानवर की सेवा करना चाहते हैं, उन्हें गायों को प्लास्टिक खाने से रोकना चाहिए, क्योंकि वह बड़ी सेवा होगी. उत्तरप्रदेश, गुजरात सहित विभिन्न राज्यों में गाय रक्षकों की ओर से दलितों और मुसलिमों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को लेकर अपनी सरकार की किरकिरी होने के बाद पहली बार पीएम का यह बयान आया है.